स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) पर लगी उस पाबंदी को हटा लिया गया है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों को संघ के कार्यक्रम में जाने पर मनाही थी। 58 साल पहले ये फैसला इंदिरा गांधी की सरकार ने लिया था, जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने पलट दिया है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है।
RSS ने केंद्र सरकार के आदेश का किया स्वागत
यह जानकारी भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक्स पर जारी एक बयान में दी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) ने इस आदेश का स्वागत किया है। केंद्र सरकार ने 1966, 1970 और 1980 में तत्कालीन सरकारों द्वारा जारी उन आदेशों में संशोधन किया गया है, जिनमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं और उसकी अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाई गई थी। आरोप है कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों के संघ के कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों को कड़ी सजा देने तक का प्रावधान लागू किया गया था। रिटायर होने के बाद पेंशन लाभ आदि को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने से बचते थे।
58 साल पहले आरएसएस पर लगाया था बैन
सरकारी कर्मचारियों के संघ के कार्यक्रम में जाने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को सही बताते हुए सरकार ने तब दलील दी थी कि आरएसएस की वजह से कर्मचारियों की तटस्थता प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा, यह भी बताया गया था कि इसे धर्मनिरपेक्ष समाज के लिए उचित नहीं माना जाएगा। यानी अगर सरकारी कर्मचारी आरएसएस की शाखा में गए, तो धर्मनिरपेक्षता के लिए ये ठीक नहीं होगा। इसीलिए सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 का हवाला देते हुए सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस कार्यक्रम में जाने पर बैन लगा दिया गया था।