आरएसएस के पदाधिकारी विनय पिंगले ने अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट करते हुए इंदौर के विकास की पोल खोल दी है। जिसमें उन्होने इंद्रपुरी कॉलोनी का एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है कि 5 तारीख को आई आंधी से गिरे पेड़ बिजली के तारों से हटाने की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले तीन दिनों से लाइट नहीं है। कॉलोनी में नर्मदा का पानी तो महीनों से नहीं आ रहा। रहवासी पैसा देकर पानी खरीद रहे और नगर निगम का नल का बिल भी भर रहे। ये तीन दिन का मौसम छोड़ दे, तो भी बिजली वैसे भी लगभग रोज ही दो तीन घंटों के लिए जाती है। पता नहीं प्रशासन को पता है भी के नहीं। इंदौर की बेचारी सहिष्णु जनता, सब सहन कर लेती है।
15 वर्ष पूर्व के कांग्रेस शासन की याद दिला दी
आरएसएस के पदाधिकारी विनय पिंगले ने कहा कि राजवाड़े से विजयनगर जाना हो या राजेंद्र नगर से साँवेर रोड़, नहीं बता सकते कब तक पहुचेंगे। जिसे इंदौर के बदहाल ट्रैफिक का अंदाजा नहीं हो उसकी तो निश्चित ट्रेन छूट जाती होगी या एयरपोर्ट पर “नो शो पैसेंजर” डिक्लेअर होता होगा। “स्वच्छता में नंबर १ शहर बिजली, पानी और ट्रैफिक के मामले में इतना पिछड़ा” और दरिद्र होगा, कोई नहीं सोचता होगा।
30 प्रतिशत पानी का इंदौर कर देता है लॉस
1 लीटर पानी का भी डिस्ट्रीब्यूशन लॉस क्यो होना चाहिए। सुना है ३० प्रतिशत से भी अधिक लॉस होता है। अरे रिटायर करो अकर्मण्य कर्मचारियों को, उन्नत टेक्नोलॉजी का उपयोग करो, विषय तज्ञ सलाहकारों को नियुक्त करो।
डिमांड और सप्लाई की क्वांटिटी ही नहीं पता
बिजली विभाग के अधिकारीयों को भी डिमांड और सप्लाई की क्वांटिटी ही समझ नहीं आती शायद। क्यो एक मिनट के लिए भी बिजली जानी चाहिए। आज प्रशासन “ब्लैक आउट” का अभ्यास कराने वाला है, जिसका already खूब अभ्यास है इंदौर की जनता को।
ट्रैफिक की बारह बजी पड़ी
ट्रैफिक की समस्या के तो बहुत कारण है। प्रशासन के साथ जनता भी बराबर की दोषी है। इंफ्रास्ट्रक्चर के कामो में विलंब करने वाले ठेकेदारों को जवाबदार बनाओ, समय पर कार्य पूर्ण ना करने वालो को टर्मिनेट करो, पेनल्टी लगाओ, ब्लैकलिस्ट करो। अधिकांश फ्लाइओवर कांट्रैक्टर्स अनियमित और विलंब से कार्य कर रहे, जिस से ट्रैफिक की बारह बजी पड़ी है। ईश्वर से प्रार्थना है की योग्य सक्षम अधिकारी के रूप में स्वयं अवतार ले और इंदौर का भला करे।