मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित आरपीएल माहेश्वरी कॉलेज में प्राचार्य, स्टाफ और ट्रस्ट बोर्ड के बीच गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। माहेश्वरी समाज इंदौर द्वारा संचालित यह कॉलेज इन दिनों प्रशासनिक और अनुशासनात्मक मुद्दों को लेकर चर्चा में है। ट्रस्ट ने कॉलेज प्राचार्य और स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ट्रस्ट का कहना है कि कॉलेज में हुई एक बैठक के दौरान कर्मचारियों ने अनुचित व्यवहार किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस तक को मौके पर बुलाना पड़ा।
ट्रस्ट ने लगाया अशोभनीय व्यवहार और घेराव का आरोप
ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि 11 अक्टूबर की शाम कॉलेज बोर्ड कक्ष में शिक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सभी ट्रस्टी मौजूद थे। बैठक के दौरान कॉलेज के कुछ कर्मचारियों, जिनमें सहायक प्राध्यापक, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल थे, ने मीटिंग में प्रवेश कर अनुशासनहीनता दिखाई। ट्रस्ट के अनुसार, कर्मचारियों ने ट्रस्टी सदस्यों के साथ अशोभनीय व्यवहार किया और उनका घेराव किया।
स्थिति इतनी बिगड़ गई कि ट्रस्ट को पुलिस सहायता लेनी पड़ी। पुलिस के आने के बाद ही बैठक में मौजूद सदस्यों को रात करीब आठ बजे सुरक्षित बाहर निकाला गया। ट्रस्ट का आरोप है कि यह पूरा कृत्य कॉलेज को व्यक्तिगत नियंत्रण में लेने की कोशिश जैसा प्रतीत होता है, जो अस्वीकार्य है।
ट्रस्ट अध्यक्ष और कॉलेज समिति ने जारी किया नोटिस
घटना के बाद ट्रस्ट अध्यक्ष पुरुषोत्तम पसारी और कॉलेज शिक्षण समिति के अध्यक्ष रामअवतार जाजू ने प्राचार्य राजीव झालानी को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में उनसे तीन दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि कॉलेज में अनुशासन बनाए रखना प्राचार्य की जिम्मेदारी है, और इस घटना ने संस्थान की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है।
नोटिस में दर्ज हुआ 11 अक्टूबर की घटना का पूरा विवरण
ट्रस्ट द्वारा जारी नोटिस में विस्तार से उल्लेख किया गया है कि 11 अक्टूबर की शाम चार बजे बैठक शुरू हुई थी। इसी दौरान कॉलेज स्टाफ अचानक मीटिंग में पहुंच गया और नारेबाजी शुरू कर दी। बताया गया कि ट्रस्ट सदस्यों के साथ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया और उन्हें चार घंटे तक मीटिंग हॉल में रोके रखा गया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही सभी ट्रस्टी सुरक्षित बाहर निकल पाए।
ट्रस्ट ने इस व्यवहार को “संस्थान की गरिमा के विरुद्ध” बताते हुए कड़ी निंदा की है और कहा है कि इस प्रकार की गतिविधियां कॉलेज प्रशासनिक व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती हैं।
अनुशासन बनाए रखने में प्राचार्य की भूमिका पर सवाल
कॉलेज शिक्षण समिति के अध्यक्ष जाजू ने भी नोटिस में कहा है कि इस घटना से कॉलेज की गरिमा को ठेस पहुंची है। उन्होंने लिखा कि “मैं 77 वर्ष का व्यक्ति हूं और समाज में कई जिम्मेदारियों का निर्वहन करता हूं। मीटिंग में स्टाफ द्वारा नारेबाजी और घेराव न केवल अनुशासनहीनता थी, बल्कि यह संस्थान की साख को भी नुकसान पहुंचाने वाली थी।”
उन्होंने प्राचार्य पर आरोप लगाया कि वे कॉलेज परिसर में अनुशासन और शालीनता बनाए रखने में असफल रहे हैं। इसलिए उनसे तीन दिन के भीतर पूरे घटनाक्रम का जवाब मांगा गया है।