रुपये का रिकॉर्ड निचले स्तर पर : डॉलर के मुकाबले 90.79 पर पहुंचा

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कमजोरी जारी है, जिसने आज (16 दिसंबर) फिर एक नया रिकॉर्ड निचला स्तर छू लिया। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन, रुपये में 6 पैसे की गिरावट दर्ज की गई, जिसके चलते यह गिरकर 90.79 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
यह पिछले कारोबारी सत्र के 90.785 के स्तर से भी अधिक है, जो बाजार में बढ़ती अनिश्चितता और कमजोर निवेशक धारणा को दर्शाता है।
दबाव के मुख्य कारण
रुपये पर लगातार दबाव बना हुआ है, जिसकी मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:
  • विदेशी पूंजी का बहिर्वाह: भारतीय बाजारों से विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार पूंजी बाहर निकाली जा रही है।
  • व्यापार समझौते पर अनिश्चितता: अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर स्पष्टता की कमी भी एक बड़ा कारक है।
  • बढ़ता व्यापार घाटा: देश का व्यापार घाटा बढ़ने के कारण बाजार में डॉलर की मांग अधिक हो गई है।
इस चुनौतीपूर्ण माहौल में, आयातक अपनी जरूरतों को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं, जबकि निर्यातक डॉलर बाजार में लाने से कतरा रहे हैं, जिससे मुद्रा की स्थिति और कठिन हो गई है।
आगे का रुझान
इस साल रुपये की कीमत में अब तक लगभग 6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले दिनों में रुपये में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।
तकनीकी रूप से, 90.00 से 90.20 रुपये के स्तर पर रुपया कुछ सहारा पा सकता है। हालाकि, यदि यह 90.80 से 91.00 के स्तर को पार करता है, तो इसकी कमजोरी और बढ़ सकती है, और यह गिरावट का एक नया चरण शुरू कर सकता है। निवेशकों और कारोबारियों को आगामी दिनों में जारी आर्थिक संकेतों पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी जा रही है।