इंदौर से एक बेहद भावुक करने वाली खबर सामने आई है। मध्य प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा के बेटे गगन वर्मा का 15 मई 2025 को आकस्मिक निधन हो गया। इस अपार दुःख की घड़ी में भी सज्जन सिंह वर्मा ने एक साहसी और प्रेरणादायक कदम उठाया—उन्होंने अपने बेटे के नेत्रदान का निर्णय लिया।
पुत्र को खोने के इस असहनीय दुख में भी उन्होंने मानवता और समाज कल्याण की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके इस फैसले से दो जरूरतमंद लोगों को दृष्टि मिल सकेगी, और उनके पुत्र की यादें सिर्फ परिवार में नहीं बल्कि समाज में भी जीवित रहेंगी। इस निर्णय ने यह सिद्ध कर दिया कि सज्जन सिंह वर्मा केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक दृष्टिकोण रखने वाले सच्चे जनप्रतिनिधि भी हैं।
गगन वर्मा की अंतिम यात्रा 15 मई को इंदौर स्थित रीजनल पार्क मुक्तिधाम (पिपलियापाला) से निकली। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में राजनैतिक, सामाजिक और खेल जगत से जुड़े लोग शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी श्रद्धांजलि अर्पित करने वहां पहुंचे और दुख की इस घड़ी में वर्मा परिवार के साथ खड़े नजर आए।
सज्जन सिंह वर्मा द्वारा लिया गया यह निर्णय आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उन्होंने यह संदेश दिया कि व्यक्तिगत दुःख की घड़ी में भी यदि हम समाज के हित में सोचें, तो वह कार्य मानवता के सबसे ऊंचे मानदंडों को छूता है। नेत्रदान का यह उदाहरण सिर्फ एक सामाजिक कार्य नहीं, बल्कि एक मजबूत और संवेदनशील नेतृत्व की पहचान है।