2026 में वेतन में होगा जबरदस्त उछाल! केंद्र ने 8th Pay Commission को दी हरी झंडी

केंद्र सरकार ने अपने लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत भरी घोषणा की है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को अब आधिकारिक मंजूरी दे दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आयोग के ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ यानी कामकाज की शर्तों को मंजूरी दी गई। इस फैसले से देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 69 लाख पेंशनर्स सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे। जनवरी 2026 से इसकी सिफारिशें लागू मानी जाएंगी।

रंजना प्रकाश देसाई होंगी आयोग की अध्यक्ष

सरकार ने 8वें वेतन आयोग की बागडोर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को सौंपी है। वे आयोग की अध्यक्ष होंगी। उनके साथ आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष (अंशकालिक सदस्य) और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन (सदस्य-सचिव) इस आयोग का हिस्सा होंगे।

कैबिनेट बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह आयोग एक अस्थायी निकाय होगा और इसे अपनी सिफारिशें देने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। यानी 2026 की शुरुआत से पहले ही यह तय हो जाएगा कि कर्मचारियों का नया वेतन ढांचा कैसा होगा और उनकी जेब में कितना अतिरिक्त पैसा आएगा।

‘फिटमेंट फैक्टर’ तय करेगा नई सैलरी का गणित

आयोग के गठन के बाद अब सबसे अधिक चर्चा ‘फिटमेंट फैक्टर’ को लेकर हो रही है। यह वही अहम आंकड़ा है, जिससे तय होगा कि नई बेसिक सैलरी (मूल वेतन) कितनी बढ़ेगी। सरल शब्दों में कहें तो आपकी वर्तमान बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर से गुणा किया जाता है, और वही आपकी नई सैलरी बन जाती है।

उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 तय किया गया था, जिससे न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह हो गया था। उस समय यह कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत थी। हालांकि, 7वें आयोग के लागू होने पर महंगाई भत्ता (DA) को शून्य कर दिया गया था और नया इंडेक्स शुरू किया गया था, जिससे वास्तविक बढ़ोतरी 14.3% ही रही, जबकि भत्तों के साथ कुल वृद्धि करीब 23% तक पहुंची थी।

6वें वेतन आयोग की तरह बड़े बदलाव की उम्मीद

कर्मचारी संगठनों की उम्मीदें इस बार काफी ऊंची हैं। उन्हें भरोसा है कि 8वां वेतन आयोग 6ठे वेतन आयोग की तरह बड़ी सैलरी बढ़ोतरी की सिफारिश करेगा। याद दिला दें कि 2006 में आए 6ठे वेतन आयोग ने वेतन और भत्तों में करीब 54% की बढ़ोतरी की थी, जिसे अब तक का सबसे बड़ा सुधार माना जाता है।

इसके विपरीत, 7वें आयोग में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के बावजूद कई संघों ने इसे अपर्याप्त बताया था। कर्मचारियों का कहना था कि महंगाई और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के हिसाब से वेतन वृद्धि कम थी। यही कारण है कि इस बार सरकार पर दबाव रहेगा कि वह कर्मचारियों की उम्मीदों और महंगाई दोनों के बीच संतुलन बनाए।

कितना हो सकता है नया फिटमेंट फैक्टर?

आर्थिक विशेषज्ञों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक जा सकता है। अगर यह अनुमान सही साबित हुआ, तो कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी होगी। इसका मतलब होगा कि न्यूनतम बेसिक पे 51,000 रुपये से अधिक हो सकता है।

ऐसे में वेतन में 40,000 से 45,000 रुपये तक का सीधा इजाफा देखने को मिल सकता है, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए 2026 की शुरुआत में एक बड़ा बोनस साबित होगा।