‘ghar ka bhedee’ लंका चमकाए…!


प्रकाश पुरोहित
वरिष्ठ पत्रकार एवं व्यंग्यकार

सलमान अख्तर बेबाक है, मुंहफट है और बोलने में कई बार ईमानदार भी लगते है। इस्ये झांसे में उनकी लिखी किताब घर का भेदी ( ghar ka bhedee ) खरीद ली। लगा था, कुछ तो ऐसा पता चलेगा, जो अब तक रहस्य है। और कुछ नहीं तो फिल्मी लेखक भई जावेद अस्तर से किस बात पर अकेला चल रहा है, इस पर तबसरा हो ही जाएगा। जावेद तो फिर भी इधर-उधर से उठाने में अताद है, लेकिन ये पाई साहब तो और भी छिपे स्म्तम निकले।

ghar ka bhedee अस्सी पन्ने की किताब

घर का भेदी ( ghar ka bhedee ) किताब कुल जमा अस्सी पन्ने की है हिंदी में और इतने ही पन्ने उर्दू के हैं, जो यकीनन अनुवाद हो होगा, क्योंकि जितने शब्द अग्रेजी के हिंदी में आए है. लगभग उतने ही उर्दू में भी है। आंग्रेजों के लिखे और उनका मतलब भी बताया यानी एक बात के लिए वे लाइन हजम। किताब के इन अम्मी पन्नों में से कम से कम पाच-छह तो कोरे ही होगे। ऐसा लगाव है, जैसे किसी ने कोर्स को किताब नहीं पड़ी हो और जेब में रखो चिट या कुजी से मार कर जवाब लिख दिए हो। यह सरासर उगी है। अब बात करें कटेंट की, तो अपने दादा हुजूर से शुरू होते है, मामू मजाज, पिता जां निसार अख्तर में होते हुए हुए जावेद तक चले आते है। मजाज लखनयी के बारे में कुछ नया नहीं है, क्योंकि उनके किस्से इतने बार लिखे और बताए जा चुके हैं कि लगता है पने फलटते चलिए। घर में बच्चे बड़े नहीं हो रहे थे इसलिए मजान को मा और नानी का खूब साथ मिला और इस वजह से पिता से दूर होते गए। चूंकि सलमान अख्तर मनोविस्लेषक है और अमेरिका में खाते हैं तो विदेशी दार्शनिकों के नाम और काम का पता है, लेकिन इससे तो घर के भेद नहीं सुनते ना। अगर ये ही पर का भेदी है तो हर कोई चाहेगा कि उसके घर में ऐसा कोई हो। यह पर का भेदी तो लंका बचाने निकला है और अदा यह है कि देखिए, कैन्ड विद्रोह। इसका गीर्षक हो ठग किया का नमूना है। दादा मुन्तर सोराबादी को सलमान अख्तर ने तब पढऩा शुरू किया, जब उप आधी से ज्याद पार हो चुकी थी. जबकि उनका साहित्य उनके घर में ही था। लिखते है जिद की अस्ता और डॅक्टरी की प्रैक्टिस ने दिल ओ-दिमाग को कैदी बना रखा था। हम इसका शिरूम हो गए और सखानदानी विरासत से बेगाने। जावेद के बारे में राय है हिंदी फिल्मों के जाने-माने संवाद लेखक और गीतकार होने के अवाद भी प्रसिद्ध सागर और हर सामाजिक परिभाषा के अनुसार बड़े आदमी है। ददा सीराबादी का साहित्य स्विरमन नाम से पाच खड़े में है, लेकिन सलमान हब ने उन्हें पाच पन्हें
घर का भेदी सलमान अख्तर में ही निपटा दिया है। करते भी हैं कि इवई अड्डे पर फ्लाइट के इंतजार में के पन्ने निसा पर है, लगते भी है कि ये नोट्स है किताब नहीं लिखने हैकर हम दानी भई जिटमी के तौर पर हमारी गस्ते, मकसद और कामकाज मकान के क्षेत्र अलग-अलग है, लेकिन कुछ जख्म हमारे एक से है और इसका असर हमारे चरित्र पर भी है। मेरी हर पल कोशित गरे कि जावेद के काम के मखमल मनोविज्ञान के कुछ सनम मित्ररे टाक दु, बताय ऐसे में आप कैसे उम्मीद करेंगे कि कोई पर कर भेटी हो जाएगा। यह सेवा विस्कान है। जावेद ने तो फिर भी अपने फिया के किन बोला और लिखा है लेकिन यहा मतमान ने उनको जारी की आड़ ले ली और डायरी उनकी शायरी का निहैऔर सुला है कि हम पहले में जानने और पढ़ते रहे हैं। पिता के बगैर कैसे बचपन बीता और क्या-क्या करें आई की जिक्र नहीं है। यह किस्मतहारका है कि बेगम अख्तर के पास निम् अस्तर को कोई मजन नहींर्
ंगजल लिख दी थी। और से और उनकी दो गजले ती पूरी ही उबर है। अगर दुनिया की नजरों से महरूम संवे तो फिर भी मान लेने जो गहिर है, उसमें क्या नयापन है। जावेद अख्तर पर बोल तो फिर में
लेते है दिल खोल के सलमान लेकिन लिगाने में खुद को साफ बचा ले गए कि उनके पांच तर उड़ा लिए है और उनका उसी तरह में तबारा किया है जैसे स्कूल में कच्चे किसी कवि को कविता अ भावार्थ बतात है। या तो मनमान यह बताना बाह रहे हैं कि आवेद के खाते में ये बस पच हो तर उनके है वह कि कुछ लिखना तो भाई पर तो वृत महा। अब वताए नावेद के तर पी अगर समाशर जाने लगे तो यह जुर्म ती तो है।
यह है अस्सी पेज की किताब
यह है अस्सी पेज की किताब कर सकते है सबसे महगो सम्झी जानी चाहिए और इसके नाम यह रिकॉर्ड भी दर्ज सेना न्याहिए। जैसे कटू और अंगूर की तरकारी में दोनों जर अनुपात समान हो तो क्या करेंगे आप, यहां न कि उग लिया। यह मोटा गणित लगए डी एक पेज करीब सात रुपए का सहात नहीं, एक पका भी बंद दमदार है मात मी स्पए से कम है। मूलेरो को उम्मे कहा आज भी है तो वह यह है कि कत में दय है। शब्द को जादूगरी और जब्द के ग्रेन में फर्क है। यह किताब चौराहे पर तमासे दिइने कने के बद को तह है कि नट में जब निकलने का किय जाता है और कोराजकमल ने इसे खपाहै यह कृत्य कहाँ चालक है कि बड़े मिया ने उर्दू में लिया और जनरिख। किसमें यह ने हिंदी को किताबों और हिटी में साथ सजर और दाम कई गुना।