मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद से निपटने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को खुली छूट दी, जिससे तीनों सेनाओं को अपनी कार्रवाई के तरीके, समय और लक्ष्य निर्धारित करने का अधिकार मिल गया। उन्होंने इस दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा, “आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। हमें भारतीय सेनाओं की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा विश्वास है।”
यह बयान पीएम मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक में दिया, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान भी शामिल थे। यह बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली और उसके बाद गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत पीएम आवास पहुंचे।
इस बैठक के बाद यह भी सामने आया कि प्रधानमंत्री का यह बयान विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में था, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे और 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
प्रधानमंत्री की यह स्पष्ट चेतावनी आतंकवादियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि भारतीय सेना को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई है, और वह हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।