स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर का कन्फेक्शनरी कारोबारी संजय जैसवानी ( Jaiswani ) मध्यप्रदेश सरकार के प्रोजेक्ट पर पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। एक तरफ मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश की कमान संभालते ही निवेश लाने के जतन कर रहे हैं। वे दूसरे राज्यों में जाकर इन्वेस्टर समिट के जरिए उद्योगपतियों से मिलकर प्रदेश में फैक्ट्रीज खुलवाने का आग्रह कर रहे हैं। दूसरी तरफ जैसे-तैसे जैसवानी चंगुल से छूटे फैक्ट्री मालिक गौरव अहलावत ने अपने जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है।
सोशल मीडिया पर की Jaiswani की शिकायत
रशियन नागरिक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए पीएम मोदी को जैसवानी ( Jaiswani ) से पीड़ित अहलावत ने दर्द बयां करते हुए शिकायत की है कि उसकी एफआईआर तक पुलिस दर्ज नहीं कर रही है। प्रशासन के आला अधिकारी भी कोई मदद नहीं कर रहे। समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। मदद कर मेरी फैक्टरी बचाएं। अहलावत ने पीएम मोदी, पीएमओ, विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद को शिकायत भेजी है। साथ ही रशियन एंबेसी के पास भी अपनी पीड़ा पहुंचा दी है। जैसवानी के साथ प्रदेश सरकार के एक मंत्री के करीबियों के नाम भी सामने आ चुके हैं।
पीएम से यह लगाई गुहार
कारोबारी अहलावत ने पीएम मोदी से शिकायत करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है। इसमें लिखा है कि मैं गौरव अहलावत, रूसी पासपोर्ट धारक हूं। मैंने 7-8 मार्च 2016 को हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में भाग लिया था। इस समिट से प्रेरित होकर मैंने भारत में निवेश करने का फैसला किया। इसके बाद 21 मार्च 2016 को एक विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए जीआरवी बिस्किट प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया। यह फैक्ट्री साढ़े आठ साल से चल रही है। मेरे पास कंपनी के 99 प्रतिशत शेयर थे। 9 सितंबर 2024 को मध्यप्रदेश के इंदौर में मेरे व्यवसाय को अवैध तरीकों और धोखाधड़ी से जबरन बंधक बना लिया गया। मेरे मोबाइल फोन और मैक बुक को जबरन छीन लिया और मुझे जमकर मारा-पीटा भी। मैंने लोकल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस मामला दर्ज करने को तैयार नहीं है। कलेक्टर-कमिश्नर से भी रिस्पाँस नहीं मिल रहा है, चार दिन हो गए हैं। मेरे वृद्ध माता-पिता दिल्ली में रहते हैं। मैं इंदौर में अकेला रहता हूं और मुझे धमकियां मिल रही हैं। प्लीज मेरी मदद करें।
एसोसिएशन आ चुकी है साथ
एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मप्र के सदस्य भी लसूडिय़ा थाने पहुंचकर जैसवानी के खिलाफ शिकायती आवेदन दे चुके हैं। इसमें डकैती, अपहरण जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराने की मांग की गई थी। क्योंकि अहलावत के घर जाकर सात लोगों ने मोबाइल, लैपटॉप, नकदी, सोने की चेन लूटे थे। उन्हें जमकर पीटा भी था। बाद में उसे बंधक बनाकर रखा गया। मगर इस मामले में थाने ने जांच की बात कहकर आवेदन भर ले लिया था। इसके पहले निशिथ नाहर को भी दो दिन तक जैसवानी ने बंधक बनाकर मारा-पीटा था। इसमें भी सीए एसोसिएशन इंदौर के सामने आने के बाद पुलिस उसे छुड़ाकर लाई थी। फिर अगले दिन जैसवानी पर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया था। उद्योगपति अहलावत और सीएम नाहर के मोबाइल, लैपटॉप व अन्य सामग्री अभी भी जैसवानी के कब्जे में ही हैं। इसे पुलिस ने अभी तक जब्त नहीं किया है और न ही जैसवानी पर कोई सख्त कार्रवाई की गई है।