संस्कृत विश्वविद्यालय के सभी दस्तावेजों से india नाम हटेगा

स्वतंत्र समय, उज्जैन/भोपाल

महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के आधिकारिक दस्तावेजों पर अब इंडिया ( india ) शब्द की जगह ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया जाएगा। सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से इंडिया शब्द को हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब विश्वविद्यालय की वेबसाइट, विद्यार्थियों की कॉपी और कैलेंडर सहित सभी जगह भारत शब्द का प्रयोग किया जाएगा। इस फैसले के साथ, संस्कृत विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है जो अपने दस्तावेजों में ‘भारत’ शब्द का प्रयोग करेगा।

कॉपियों, कैलेंडर से भी india शब्द हटेगा

विश्वविद्यालय की वेबसाइट, प्रशासनिक दस्तावेजों, विद्यार्थियों की कॉपियों, कैलेंडर आदि में इंडिया ( india ) हटाकर अब ‘भारत’ शब्द का ही प्रयोग किया जाएगा। बैठक में कार्यपरिषद सदस्य विश्वास व्यास, हरीश व्यास, सुमिना लिग्गा, डॉ. केशर सिंह चौहान, गीतांजलि चौरसिया और कुलसचिव डॉ. दिलीप सोनी उपस्थित थे। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय का पांचवां दीक्षांत समारोह 31 मार्च को सुबह 11 बजे कालिदास संस्कृत अकादमी के संकुल हॉल में आयोजित किया जाएगा। समारोह में शोधार्थियों और विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। कार्यपरिषद सदस्य धाकड़ के प्रस्ताव पर उज्जैन के नागरिकों को संस्कृत से जोडऩे का निर्णय लिया गया है। इसके तहत, संस्कृत सीखने के इच्छुक लोगों के लिए विश्वविद्यालय से दक्ष विद्यार्थियों को शिक्षक के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रधानमंत्री और एमपी के सीएम के प्रयासों को आगे बढ़ा रहे

महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक कुलगुरु प्रो. विजय कुमार जेसी की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। बैठक का मुख्य उद्देश्य दीक्षांत समारोह की तैयारियों पर चर्चा करना था। देर शाम तक चली बैठक में कार्यपरिषद सदस्य गौरव धाकड़ ने विश्वविद्यालय में इंडिया शब्द की जगह भारत शब्द का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी सदस्यों ने सहमति से पारित कर दिया। कार्यपरिषद सदस्य गौरव धाकड़ ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री और एमपी के मुख्यमंत्री उन नामों को प्रचलन में लाने का प्रयास कर रहे हैं जो देश की संस्कृति और पहचान से जुड़े हुए हैं। इसी दिशा में विश्वविद्यालय में भी भारत शब्द को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है।