इलाज के बाद स्वस्थ होकर Indore लौटी संस्कृति

त्योहारों के इस शुभ समय में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी संवेदनशीलता और मानवीयता का उदाहरण प्रस्तुत किया। शुक्रवार को उन्होंने मुख्यमंत्री निवास से Indore की 17 वर्षीय कुमारी संस्कृति वर्मा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली। संस्कृति हाल ही में एक गंभीर सड़क दुर्घटना के बाद स्वस्थ होकर लौटी है। मुख्यमंत्री ने कहा, “तुम्हारे चेहरे की मुस्कान से तो हमारी दीपावली आज ही मन गई।”

मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं और भरोसा

मुख्यमंत्री ने संस्कृति को उसके स्वस्थ होने पर बधाई दी और कहा कि सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है। उन्होंने उसे स्वास्थ्य का ध्यान रखने और पढ़ाई जारी रखने की सलाह दी। साथ ही धनतेरस, रूपचौदस और दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कठिन समय अब पीछे छूट गया है, और अब उसके जीवन में नया सवेरा आ चुका है।

संस्कृति ने मुख्यमंत्री से बातचीत में बताया कि वह भविष्य में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बनना चाहती है और फिलहाल कॉमर्स प्लस एप्लाइड मैथ्स लेकर पढ़ाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने अगले इंदौर प्रवास के दौरान उससे व्यक्तिगत रूप से मिलने जाएंगे।

दुर्घटना से संघर्ष तक की कहानी

इंदौर के संगम नगर निवासी संस्कृति वर्मा 15 सितंबर 2025 को एयरपोर्ट रोड पर एक गंभीर सड़क हादसे का शिकार हो गई थी। दुर्घटना में उसके शरीर के बाएं हाथ और अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उसका जीवन संकट में पड़ गया था।

इंदौर के चिकित्सकों की टीम ने पूरी मेहनत से उपचार किया, लेकिन चोटों की गंभीरता को देखते हुए यह आवश्यक हो गया कि उसे मुंबई के बॉम्बे हॉस्पिटल में सर्जरी के लिए भेजा जाए।

मुख्यमंत्री के त्वरित निर्णय से मिली नई जिंदगी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल निर्णय लेते हुए इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा को निर्देश दिया कि संस्कृति को एयर एंबुलेंस से मुंबई शिफ्ट किया जाए। शासन के व्यय पर उसे तुरंत एयरलिफ्ट किया गया। बॉम्बे हॉस्पिटल में उसकी बायीं बांह और हाथ को बचाने के लिए सर्जरी की गई।

सरकार द्वारा उसके इलाज पर लगभग 30 लाख रुपये का खर्च वहन किया गया। अब संस्कृति को फिजियोथैरेपी की सलाह दी गई है और उसे शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

सरकार और प्रशासन का प्रयास रंग लाया

संस्कृति वर्मा, जो इंदौर में कक्षा 12वीं की छात्रा है, अब धीरे-धीरे अपने सामान्य जीवन की ओर लौट रही है। जिला प्रशासन और मध्यप्रदेश सरकार के सामूहिक प्रयासों से उसके जीवन में फिर से उम्मीद और उजाले के रंग लौट आए हैं।

मुख्यमंत्री की इस मानवीय पहल ने न केवल एक बेटी का जीवन बचाया, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए यह संदेश दिया कि सरकार सिर्फ नीतियों से नहीं, संवेदना से भी जुड़ी है।