स्वतंत्र समय, नर्मदापुरम
अस्पताल का रजिस्ट्रेशन वैधता समाप्त होने के बाद भी नर्मदापुरम के दो नर्सिंग होम ( nursing home ) का नियम विरुध संचालन हो रहा था। इसमें बाबई रोड स्थित अमृतहार्ट केयर और सदर बाजार स्थित सौरभ नर्सिंग होम अस्पताल है। जब सीएमओ के संज्ञान में मामला संज्ञान में आया तो दोनों अस्पताल को बंद करने के आदेश बुधवार को किये है। शहर के चर्चित डॉक्टर आनंद मोहन तिवारी के अमृत हॉर्ट एंड मेडिकल केयर सेंटर एवं डॉक्टर बसुधा तिवारी के सौरभ नर्सिंग होम को बंद करने के सीएमएचओ ने तत्काल आदेश किये है। बुधवार को सीएमएचओ डॉक्टर दिनेश देहलवार ने अमृत हॉर्ट एवं मेडिकल केयर सेंटर व सौरभ नर्सिंग होम को बंद करने के आदेश दिए। दोनों अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल के रजिस्ट्रेशन की वैद्यता 31 मार्च को समाप्त हो गई थी। इसके बावजूद दोनों अस्पताल प्रबंधन बिना वैधता के हॉस्पिटल का संचालन कर रहे थे। सीएमएचओ ने दोनों अस्पताल को बंद कर ओपीडी, आईपीसीडी, सोनोग्राफी, ईसीजी समेत अन्य जांचों पर रोक लगाई है। अस्पताल का नवीन पंजीयन वैद्यता जारी हो होने तक सभी सुविधाएं अस्पताल में बंद रहेगी।
नियम विरुद्ध चल रहे थे nursing home
सीएमएचओ द्वारा जारी आदेश में उल्लेख है कि 4 जून 2021 को विभाग द्वारा जारी नर्सिंग होम ( nursing home) का पंजीयन क्रमांक-08 एवं लाईसेंस -08 की वैद्यता 31 मार्च 2024 को समाप्त हो चुकी है। आपके द्वारा वैद्यता समाप्त होने के बाद भी सौरभ नर्सिंग होम, सदर बाजार एवं नर्मदापुरम का संचालन नर्सिंग होम एक्ट के नियमों के विपरीत किया जा रहा है। इसी प्रकार 3 अगस्त 2021 को विभाग द्वारा जारी पंजीयन क्रमांक एनएच 0793/ नवंबर 2015 एवं लाईसेंस एलएल 0805/नवंबर 2015 की वैद्यता 31 मार्च 2024 को समाप्त हो चुकी है। बावजूद अमृत हॉर्ट एवं मेडिकल केयर सेंटर को संचालन कर मरीजों को देखा जा रहा है। जो मप्र नर्सिंग होम एक्ट-क्र एफ (बी) 439-732-1-अ (प्रा.) भारत के संविधान के अनुच्छेद 348 के खंड (3) के अनुशरण में मध्यप्रदेश उपचर्याग्रह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम-1973 क्रमांक-47 (सन् 1973) के नियम 05 का स्पष्ट उल्लघंन है। अत: आपको निर्देशित किया जाता है कि आप तत्काल समस्त चिकित्सकीय व्यवस्था (ओपीडी, आईपीडी, सोनोग्राफी, ईसीजी, अन्य जांचे एवं सुविधाए) सौरभ नर्सिंग होम एवं अमृत हॉर्ट एंड मेडिकल केयर सेंटर को बंद करें एवं नवीन पंजीयन जारी होने तक उपरोक्त सुविधायें चालू नहीं की जाएं। यदि हॉस्पिटल में कोई मरीज भर्ती हो तो उसे नजदीकि शासकीय चिकित्सालय में भर्ती करावें या अन्य वरिष्ठ शासकीय चिकित्सालय हेतु रेफर करें। इसके बाद भी हॉस्पिटल का संचालन बंद नहीं किया जाता है, इसके बाद यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी समस्त जबावदारी आप स्वंय की होगी। ऐसी स्थिति में नर्सिंग होम एक्ट के अंतर्गत नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही किए जाने हेतु विभाग स्वंतत्र रहेगा।