स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा ( Saurabh Sharma ) और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे। सर्च ऑपरेशन में ईडी ने सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में 4 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस पाया गया है। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ली है।
Saurabh Sharma ने कंपनियों के जरिए किया था निवेश
उधर, लोकायुक्त छापे में सौरभ ( Saurabh Sharma ) के यहां से 2.95 करोड़ नकद, 10 किलो चांदी के जेवर, 50 लाख का सोना, 7 नोट गिनने की मशीनें, दो लग्जरी कारें, 2 करोड़ की कीमती सामान आदि शामिल था। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में की गई जांच में 6 करोड़ रुपए की एफडी की जानकारी भी ईडी के हाथ लगी है। फर्मों और कंपनियों के जरिए किए गए निवेश का खुलासा हुआ है। ईडी को सौरभ शर्मा के ठिकानों पर पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत की गई जांच के दौरान बैंक खातों और संपत्तियों का ब्यौरा मिला है। इसके एनालिसिस से पता चला है कि सौरभ शर्मा ने परिवार के सदस्यों, दोस्तों, कंपनियों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदी हैं और ये सभी उसके काम में सहयोगी रहे हैं। सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम काफी अधिक बैंक बैलेंस पाया गया है। ईडी के अनुसार, सौरभ शर्मा के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपए मिले हैं। इसके साथ ही 23 करोड़ रुपए से अधिक की अचल संपत्ति और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।
सौरभ शर्मा की जांच में शामिल की जाएगी शिकायत
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मिश्रा का कहना है कि आरटीआई एक्टिविस्ट से मिली शिकायत को सौरभ शर्मा के खिलाफ की जा रही जांच में शामिल किया जाएगा। इसकी जांच भोपाल लोकायुक्त कर रही है। आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि शिकायत में कोई दस्तावेज नहीं दिया है। सूत्रों के आधार पर शिकायत की है। खास बात यह भी है कि जब से सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच बैठी है, तभी से ये चारों भी अंडरग्राउंड हैं।
लोकायुक्त पुलिस की एफआईआर पर सर्च
ईडी के मुताबिक,भोपाल की लोकायुक्त पुलिस ने मामले में एफआईआर कराई है। इसी आधार पर कार्रवाई की गई। लोकायुक्त पुलिस ने जांच की। इसमें खुलासा हुआ है कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों और संबंधित फर्मों, कंपनियों के नाम पर आय से अधिक करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की है। तलाशी की कार्रवाई में पता चला है कि जब वह परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल था, तब भ्रष्टाचार के जरिए गलत तरीके से संपत्ति बनाई। ईडी के अनुसार, इससे पहले आयकर विभाग ने कार्रवाई में 52 किलोग्राम वजनी सोने की छड़ें और 11 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे।
आरटीआई एक्टिविस्ट ने की 4 कॉन्स्टेबल की शिकायत
आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने ग्वालियर में पदस्थ रहे आरटीओ के चार कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह भदौरिया, गौरव पाराशर, हेमंत जाटव और धनंजय चौबे के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की है। जल्द इनकी भी जांच हो सकती है। संकेत साहू ने आरोप लगाया कि आरटीओ के ये चारों कॉन्स्टेबल सौरभ के साथ बराबर के भ्रष्टाचारी हैं। इनकी भी प्रॉपर्टी की जांच की जानी चाहिए। जब से सौरभ के खिलाफ जांच शुरू हुई है, ये चारों कॉन्स्टेबल भी अंडरग्राउंड हो गए हैं। इन्होंने भी प्रदेश के परिवहन चेक पोस्ट से अवैध वसूली की है। प्रदेश और प्रदेश के बाहर अकूत संपत्ति बनाई है।
सौरभ से शातिर निकली पत्नी दिव्या, खरीदी संपत्ति
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने काली कमाई के पैसे से ग्वालियर और भोपाल में खूब जमीनों की खरीद-फरोख्त की। उसने न सिर्फ अपनी पत्नी दिव्या तिवारी, मां उमा शर्मा बल्कि रिश्तेदारों के नाम से भी संपत्ति खरीदी। फिर दान के जरिए संपत्ति की हेराफेरी की। इससे जुड़े कई दस्तावेज सामने आए हैं। जांच एजेंसियों के निशाने पर यह संपत्तियां हैं। इनसे जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
- दस्तावेजों के मुताबिक, सौरभ की मां को हाल ही के सालों में दो रिश्तेदारों से जमीनें दान में मिलीं। यह जमीनें सौरभ के नौकरी में आने के बाद दान में मिली।
- सौरभ की मां उमा शर्मा को उनकी रिश्तेदार चंपा खेमरिया निवासी विनय नगर में 26 जुलाई 2023 को 1400 वर्गफीट का महाराणा प्रताप नगर में एक प्लाट दान में दिया। इसका बाजार मूल्य करीब 27 लाख रुपए है। इसके एक दिन बाद ही 27 जुलाई 2023 को श्यामा खेमरिया ने 0.387 एकड़ भूमि दान में दी। इसका बाजार मूल्य 14.24 लख रुपए बताया गया है।
- सौरभ की पत्नी दिव्या ने 1 अप्रैल 2022 को भोपाल में 2.61 हेक्टेयर जमीन काशीराम से खरीदी। यह कृषि भूमि है। इसमें से 1.01 हेक्टेयर भूमि बहन रेखा तिवारी को दान में दी। इसका बाजार मूल्य करीब 19 लाख रुपए बताया गया है। 13 अक्टूबर 2023 को भेरोपुर में भी दिव्या ने कृषि भूमि खरीदी।