Saurabh Sharma Case: परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन गौर के ठिकानों से लगभग 18 करोड़ रुपये नकदी और 54 किलो सोना बरामद होने के मामले ने बड़ी हलचल मचा दी है। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच शुरू कर दी है। ईडी ने लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है। इस कार्रवाई के तहत ईडी यह जांच करेगी कि इतनी बड़ी नकदी और सोना किस स्रोत से आया और क्या इसमें धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के संकेत हैं।
लोकायुक्त पुलिस ने पहले ही सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों में मामला दर्ज किया था। अब ईडी की जांच इस मामले में और गहराई से वित्तीय लेनदेन और संलिप्त व्यक्तियों का पता लगाने में मदद करेगी। यह मामला भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ कार्रवाई का एक बड़ा उदाहरण बन सकता है।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौरभ शर्मा और चेतन गौर के खिलाफ शुरू की गई जांच में प्राथमिक रूप से इस बात पर ध्यान केंद्रित किया है कि उनकी संपत्ति कैसे और कहां से अर्जित की गई। ईडी के अधिकारियों ने कहा है कि यह भी जांच की जाएगी कि कहीं इसमें दूसरे देशों से पैसे का अवैध लेनदेन (हवाला या अन्य गैर-कानूनी माध्यमों से) तो नहीं हुआ है।
इस दिशा में ईडी ने लोकायुक्त पुलिस से जब्त की गई संपत्ति का पूरा विवरण और इससे संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। इसके आधार पर यह पता लगाया जाएगा कि संपत्ति के स्रोत वैध हैं या नहीं। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना को भी जांच के दायरे में रखा जाएगा। ईडी की जांच में वित्तीय रिकॉर्ड, बैंक खातों, निवेशों, और संबंधित लेनदेन का विश्लेषण किया जाएगा। यह जांच भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ कार्रवाई को और मजबूत बनाने का प्रयास है, जो इस मामले को एक अहम मोड़ पर ला सकती है। इस मामले में आयकर विभाग की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गई है। विभाग की एसेसमेंट रिपोर्ट तैयार होने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियां उस रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच करेंगी।
एसेसमेंट रिपोर्ट में यह जानकारी शामिल होगी कि सौरभ शर्मा और उसके परिवार की घोषित आय और संपत्तियों का विवरण उनके वास्तविक वित्तीय लेनदेन और बरामद नकदी-संपत्ति से मेल खाता है या नहीं। यदि इसमें असमानता पाई जाती है, तो यह संपत्ति के अवैध स्रोतों की पुष्टि कर सकती है। सौरभ शर्मा के परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की संभावना है, ताकि यह समझा जा सके कि संपत्ति अर्जित करने और वित्तीय लेनदेन में उनकी कोई भूमिका थी या नहीं। इसके साथ ही, परिवार के नाम पर चल-अचल संपत्तियों और बैंक खातों की भी गहन जांच की जाएगी। यह समन्वित जांच यह सुनिश्चित करेगी कि मामला पूरी तरह से स्पष्ट हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।