स्वतंत्र समय, भोपाल
सौरभ शर्मा ( Saurabh Sharma ) के मामले में जांच कर रही एजेंसियों लोकायुक्त, ईडी और आयकर के बीच आपस में तालमेल की कमी देखने को मिली है। आयकर ने मेंडोरी से इनोवा में जब्त किए 11 करोड़ तथा 53 किलो सोने के बाद जब सौरभ पूछताछ और लोकायुक्त पुलिस द्वारा जब्त की गई नकदी सहित अन्य संपत्ति की जानकारी लोकायुक्त पुलिस से मांगी थी। लेकिन लोकायुक्त ने अभी तक आयकर को यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। आयकर अफसरों के अनुसार, अब इस मामले में दोबारा लोकायुक्त को पत्र लिखने की तैयारी है।
Saurabh Sharma की कार से मिले कैश-सोना सरकारी खजाने में
आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ( Saurabh Sharma ) के सहयोगी चेतन सिंह गौर की इनोवा कार में मिले 11 करोड़ रुपए कैश और 52 किलो सोने को अब आयकर विभाग सरकारी खजाने में जमा कराएगा। इसकी वजह यह है कि सौरभ, उसके सहयोगी चेतन और शरद जायसवाल ने अब तक हुई पूछताछ में कार में मिले सोने और नकदी पर अपना दावा नहीं किया है। ऐसे में आयकर विभाग स्टेट बैंक में जमा कराए गए सोने और नकदी की अप्रेजल रिपोर्ट जारी करने के बाद इसे सरकारी संपत्ति घोषित कर सकता है। उधर, इस मामले में आयकर विभाग की बेनामी विंग की जांच अभी भी जारी है।
क्या है अप्रेजल रिपोर्ट
अप्रेजल रिपोर्ट वह होती है। जिसमें किसी भी मामले का मूल्यांकन, मूल्य निर्धारण, आकलन या समीक्षा करके पूरी जांच प्रक्रिया की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसमें घटनाक्रम की शुरूआत से लेकर पूरी जांच प्रक्रिया तक की विस्तृत जानकारी शामिल होती है। आयकर विभाग अपनी हर कार्रवाई के बाद एक अप्रेजल रिपोर्ट तैयार करता है, जिसमें संपूर्ण जांच, पड़ताल, संपत्ति के मूल्यांकन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल होती हैं। यह रिपोर्ट विभाग द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजी जाती है।
आयकर जब्त राशि को सरकारी संपत्ति घोषित करेगा
केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में बंद सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर से आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने कई दिनों तक जेल जाकर पूछताछ की है। लोकायुक्त और ईडी की टीम की तरह आयकर विभाग की टीम को भी तीनों ने यह नहीं बताया कि मेंडोरी में जब्त किया गया सोना और नकदी उनका है। चेतन सिंह गौर के नाम पर दर्ज इनोवा कार के मामले में उसका शुरू से ही यही बयान है कि भले ही कार उसके नाम पर है, लेकिन इसका उपयोग सौरभ शर्मा करता था। इसलिए सौरभ ही बता सकता है कि जब्त सोना और नकदी किसकी है। दूसरी ओर, दिसंबर के अंतिम सप्ताह में सरेंडर करने के बाद से सौरभ हर पूछताछ में यही कह रहा है कि जब्त सोने और नकदी से उसका कोई संबंध नहीं है। उसका कहना है कि इनोवा कार चेतन की है इसलिए वही इस बारे में सही जानकारी दे सकता है। ऐसे में, जब्त किए गए सोने और नकदी के मालिकाना हक को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण आयकर विभाग के पास अब इसे सरकारी संपत्ति घोषित कराने का ही एकमात्र विकल्प बचा है।