Sawan 2023: सावन में शिव शक्ति की विशेष कृपा पाने के लिए इस प्रकार करें पूजा, दांपत्‍य जीवन में आएगी खुशहाली

Sawan 2023: साल 2023 का श्रावण माह बेहद ही ज्यादा खास है। इस बार अधिकमास के चलते सावन का महीना एक की जगह दो माह का होगा। भगवान शंकर और जगत जननी मां पार्वती की असीम कृपा पाने का बेहतरीन अवसर शिवभक्तों को प्राप्त होगा। दरअसल, सावन सोमवार की भांति ही सावन महीने के मंगलवार भी बेहद खास होते हैं। सावन महीने के मंगलवार को मंगला-गौरी व्रत रखा जाता है।

कब पड़ रही है सावन में मंगला गौरी व्रत की तिथि

प्रथम मंगला गौरी व्रत – 4 जुलाई 2023, दिन मंगलवार
दूसरा मंगला गौरी व्रत – 11 जुलाई 2023, दिन मंगलवार
तीसरा मंगला गौरी व्रत – 18 जुलाई 2023, दिन मंगलवार
चतुर्थी मंगला गौरी व्रत – 25 जुलाई 2023, दिन मंगलवार
पंचमी मंगला गौरी व्रत- 1 अगस्त 2023,दिन मंगलवार
षष्ठी मंगला गौरी व्रत- 8 अगस्त 2023,दिन मंगलवार
सप्तमी मंगला गौरी व्रत- 15 अगस्त 2023,दिन मंगलवार
अष्टमी मंगला गौरी व्रत- 22 अगस्त 2023,दिन मंगलवार
नवमी मंगला गौरी व्रत- 29 अगस्त 2023,दिन मंगलवार

Also Read – Government Job 2023 : युवाओं के लिए सुनहरा मौका, 3578 पदों पर निकली है भर्ती, जानें Apply करने की पूरी डिटेल्स

अधिकमास के दौरान सावन का महीना 59 दिन का होगा। सावन की शुरुआत 3 बेहद ही शुभ संयोग में हुई है। सावन के पहले ही मंगला-गौरी का उपवास रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त सावन के पहले दिन इंद्र योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र है। इन दोनों को ही अत्यंत ही शुभ माना गया है।

मंगला गौरी उपवास शादीशुदा औरतें अखंड सौभाग्‍य के लिए रखती हैं। इस दिन विवाहित स्त्रियां माता पार्वती के साथ जगत पिता शंकर जी की पूजा भी करती हैं। साथ ही माता गौरी को 16 श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करती हैं। इससे पति की आयु बढ़ती है, साथ ही वैवाहिक जीवन सुखी एवं आनंदमय रहता है।
सावन के प्रथम दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। त्रिपुष्कर योग दोपहर 01 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 05 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। त्रिपुष्कर योग को पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत ही शुभ माना गया है।

सावन के प्रथम दिन यानी कि 4 जुलाई की सुबह से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक शिववास मां गौरी के साथ है। शिववास में रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ एवं लाभकारी माना जाता है।