Sawan 2025: सावन में न करें गलतियां, वरना पड़ेगा महंगा, जानें किन बातों का रखें खास ध्यान

Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत पावन माना जाता है। यह समय व्रत-उपवास का विशेष महत्व रखता है। वर्ष 2025 में सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है। पूरे महीने भक्तगण भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं। लेकिन ध्यान रहे, केवल पूजा-पाठ करना ही पर्याप्त नहीं है। इस महीने कुछ विशेष नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है। धार्मिक ग्रंथों में कुछ ऐसे कार्यों का उल्लेख है, जिन्हें सावन में करने से बचना चाहिए। कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने से स्वास्थ्य, परिवार और धन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं वे पांच प्रमुख बातें जिन्हें सावन में नहीं करना चाहिए…

सावन में बाल और दाढ़ी कटवाना क्यों माना गया है अशुभ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के पवित्र महीने में बाल या दाढ़ी कटवाना शुभ नहीं होता। कहा जाता है कि इससे कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है और व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा कमजोर पड़ती है। खासतौर पर सोमवार के दिन तो यह पूरी तरह से वर्जित माना गया है।

तेल मालिश से क्यों करें परहेज?

स्कंद पुराण में उल्लेख है कि सावन के महीने में शरीर या सिर पर तेल लगाने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है। विशेषकर सोमवार को तेल लगाना पूरी तरह से वर्जित बताया गया है क्योंकि यह दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है।

दही का सेवन क्यों न करें सावन में?

मान्यताओं के अनुसार सावन महीने में दही का सेवन अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि इससे शुक्र दोष उत्पन्न हो सकता है और व्यक्ति के भाग्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। रात के समय दही खाने से विशेष रूप से बचना चाहिए। इसके स्थान पर छाछ या नींबू पानी लेना ज्यादा अच्छा माना गया है।

दूध पीना क्यों है मना?

सावन के महीने में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पुण्य मिलता है, लेकिन इस समय खुद दूध पीना अनुशंसित नहीं है। ऐसा माना जाता है कि इससे शरीर में गर्मी और त्वचा रोग बढ़ सकते हैं। इस महीने व्रत रखने वालों को फलाहार, जल, या सात्त्विक आहार लेना चाहिए।

जमीन पर सोने की परंपरा क्यों है खास?

जो भक्त सावन में व्रत रखते हैं, उन्हें बिस्तर पर सोने से बचना चाहिए। धार्मिक दृष्टि से जमीन पर सोना विनम्रता और साधना का प्रतीक माना गया है। ऐसा करने से शरीर और मन की शुद्धता बनी रहती है और आध्यात्मिक दृष्टि से लाभ मिलता है।