स्वतंत्र समय, भोपाल
आमतौर पर स्कूल फीस वसूलते हैं, लेकिन अब स्कूलों से फीस ( fees ) की राशि पेरेंट्स वसूलेंगे। वह भी थोड़ी बहुत नहीं, बल्कि पूरी 26 करोड़ 57 लाख 15 हजार 30 रुपए। ये वो राशि है जो जबलपुर के मात्र चार स्कूलों ने फीस में मनमानी वृद्धि कर बच्चों के पेरेंट्स से वसूली थी। जबलपुर कलेक्टर ने अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए चारों स्कूलों का हिसाब-किताब चैक कर यह राशि लौटाने का आदेश दिया है।
fees वापसी के आदेश से पेरेंट्स ने की राहत की सांस
कलेक्टर के इस आदेश से जबलपुर के स्कूल संचालकों में हडक़ंप मच गया है। मगर छात्रों और उनके पेरेंट्स ने राहत की सांस ली है। अब तक 66 करोड़ रुपए से अधिक की फीस ( fees ) वापसी के आदेश जबलपुर कलेक्टर दे चुके हैं। चार स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसते हुए जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शिक्षा माफिया के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। इसके पूर्व भी कलेक्टर सक्सेना छह स्कूलों को फीस वापसी का आदेश दे चुके हैं। बुधवार को जारी आदेश में कलेक्टर ने जबलपुर के सेंट अलाइसिस स्कूल पोलिपाथर, सेंट अलाइसिस स्कूल सदर, क्राईस्ट चर्च बॉयल सीनियर सेकंडरी तथा क्राईस्ट चर्च को-एड स्कूल सालीवाड़ा को मनमानी फीस बढ़ाकर वसूली का दोषी माना है। कलेक्टर सक्सेना के सख्त कदमों से सबसे पहले यूनिफॉर्म, बैग और कॉपी-किताबों की स्कूलों के जरिए होने वाली बिक्री रुक गई। वहीं अब तक वे 10 स्कूलों पर ज्यादा वसूली गई फीस की राशि लौटाने के आदेश कर चुके हैं। इन चार स्कूलों के पहले वे छह अन्य स्कूलों को भी इसी तरह फीस की राशि लौटाने का आदेश दे चुके हैं। छह स्कूलों को 44 करोड़ 62 लाख 73 हजार से ज्यादा राशि पेरेंट्स को लौटाने का आदेश वे दे चुके हैं।