Indore News : मध्यप्रदेश में बढ़ती शीतलहर और ठंड के असर को देखते हुए इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने छात्रों के स्वास्थ्य के हित में बड़ा फैसला लिया है। सोमवार को जारी आदेश के अनुसार, जिले के सभी शासकीय और अशासकीय स्कूल अब सुबह 9 बजे से शुरू होंगे। समय का पालन नहीं करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
यह निर्णय कलेक्टर कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद आया, जिसमें श्री वर्मा ने सरकारी और निजी स्कूलों के संचालकों के साथ छात्र-हित से जुड़े कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। बैठक का मुख्य उद्देश्य छात्रों के लिए एक सुरक्षित और पारदर्शी शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित करना था।
फीस और किताबों की मोनोपॉली पर लगेगी लगाम
बैठक में कलेक्टर वर्मा ने स्कूल संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि फीस वृद्धि केवल नियमानुसार ही की जाए और अभिभावकों पर किसी भी तरह का अनावश्यक वित्तीय बोझ न डाला जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी छात्र को किताबें, कॉपियां या यूनिफॉर्म किसी एक विशेष दुकान से खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
“बच्चों के जीवन, स्वास्थ्य, सुरक्षा या उनकी पढ़ाई से खिलवाड़ करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।” — शिवम वर्मा, कलेक्टर, इंदौर
कलेक्टर ने कहा कि इस तरह की मोनोपॉली बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ प्रशासन कड़ा रुख अपनाएगा।
छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि
बैठक में स्कूली परिवहन और कैंपस सुरक्षा को लेकर भी कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए। कलेक्टर ने कहा कि सभी स्कूली वाहनों में जीपीएस, कैमरे और प्राथमिक उपचार किट जैसे सुरक्षा उपकरण अनिवार्य रूप से होने चाहिए। इसके अलावा, वाहनों की फिटनेस और निर्धारित गति सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
अग्नि सुरक्षा पर जोर देते हुए सभी स्कूलों के लिए फायर ऑडिट अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूलों को अपने स्टाफ को अग्निशमन उपकरणों के संचालन का प्रशिक्षण देने और छात्रों के लिए नियमित रूप से आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल आयोजित करने के लिए कहा गया है।
RTE और स्कॉलरशिप पर स्पष्ट निर्देश
कलेक्टर वर्मा ने यह भी साफ किया कि फीस जमा न होने के कारण किसी भी छात्र को परीक्षा में बैठने, कक्षा में शामिल होने या स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) देने से नहीं रोका जा सकता। उन्होंने शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करने और उन्हें आठवीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने की अनिवार्यता पर जोर दिया। स्कॉलरशिप से जुड़े मामलों का भी समय पर निपटारा करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर रोशन राय और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।