मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में सावन के सोमवार को महाकाल की पारंपरिक सवारी को देखते हुए कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने आदेश जारी कर दिया है कि 21 जुलाई से 11 अगस्त तक हर सोमवार को सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों में छुट्टी रहेगी। छुट्टी की भरपाई के लिए इन स्कूलों को रविवार को खुला रखा जाएगा। इस फैसले का मकसद सवारी के दौरान ट्रैफिक और भीड़भाड़ को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया गया है।
कांग्रेस ने बताया ‘असंवैधानिक’ और ‘मुख्यमंत्री को खुश करने की कोशिश’
इस आदेश पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “महाकाल की सवारी तो वर्षों से निकल रही है, पहले कभी स्कूल बंद नहीं हुए। अब बच्चों को रविवार को स्कूल बुलाया जाएगा, ये न तो व्यावहारिक है और न ही संवैधानिक।” उन्होंने आशंका जताई कि “अगर एक धर्म विशेष की आस्था पर स्कूल बंद किए जाएंगे, तो अन्य धर्मों के लोग भी ऐसी मांग करने लगेंगे, जो संविधान के खिलाफ होगा।” आरिफ मसूद ने यह भी आरोप लगाया कि यह फैसला मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए लिया गया है, न कि बच्चों के हित में। उन्होंने कहा, “देश संविधान से चलता है, किसी धर्म विशेष के अनुसार नहीं।”
भाजपा ने बताया स्वागत योग्य फैसला
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस आदेश का समर्थन करते हुए इसे एक सार्थक कदम बताया। उन्होंने कहा, “सावन में महाकाल की पूजा और सवारी का विशेष महत्व है। इस अवसर पर उज्जैन में भारी भीड़ जुटती है। बच्चों को ट्रैफिक और अव्यवस्था से बचाने के लिए स्कूलों की छुट्टी एक उचित फैसला है।” उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रशासन की सराहना भी की।
मसूद महाकाल का विरोध कर रहे
रामेश्वर शर्मा ने आरिफ मसूद के बयान पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि, “मसूद महाकाल का नहीं, बल्कि कांग्रेस और सोनिया गांधी को खुश करने के लिए इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। महाकाल आस्था का प्रतीक हैं और उनकी सवारी पर सवाल उठाना जनता का अपमान है।” उन्होंने आगे कहा कि “जनता समय आने पर ऐसे नेताओं को जवाब देगी।”