Schools में घटे 7 साल में 22 लाख बच्चे, स्कूल चलो अभियान कागजी साबित

स्वतंत्र समय, भोपाल

शासकीय विद्यालय ( Schools ) में वर्ष 2016-17 से 2023-24 तक कक्षा 1 से 12 में 12,23,384 बच्चे घट गए है। इस अवधि में शासकीय विद्यालय में कक्षा 1 से 5 में 6,35,434 , कक्षा 6 से 8 में 4,83,171 और कक्षा 9 से 12 तक के 1,04,479 बच्चे कम हुए । स्कूल शिक्षा पर खर्च वर्ष 2016-17 में 16,226 करोड़ से 80 प्रतिशत बढक़र 2023-24 में 29,468 करोड़ हो गया । शासकीय विद्यालय में प्रति विद्यार्थी औसत खर्च 2016-17 में 16,672 से बढक़र 2023-24 में 34,631हो गया। इस अवधि में कक्षा 1 से 8 के 317.48 करोड़ बच्चों को निशुल्क पुस्तके तथा निशुल्क गणवेश और 264.43 करोड़ बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया गया। इस पर कुल 8038.92 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने विधायक प्रताप ग्रेवाल के प्रश्न के उत्तर में लिखित में दी ।

निजी Schools में घटे बच्चे : मंत्री

शिक्षा मंत्री उदय प्रताप ने बताया कि 2016-17 से 2023-24 तक निजी विद्यालयों ( Schools ) में भी बच्चों की संख्या में कमी हुई। कक्षा 1 से 5 में 6,25,409, कक्षा 1 से 8 से 15,656 तथा कक्षा 9 से 12 में 2,84,986 बच्चे कम हुए हैं। इस अवधि में निजी विद्यालयों में कुल मिलाकर कक्षा 1 से 12 में 9,26,051 बच्चे कम हुए । प्रताप ग्रेवाल ने कहा कि शासकीय विद्यालय में कक्षा 1 से 8 पर 2010-11 में 105.29 लाख नामांकनांक 2022-23 में घटकर मात्र 65.48 लाख रह गया तथा शासकीय और निजी विद्यालय मिलाकर 2010-11 में 154.23 लाख नामांकनांक घटकर 2022-23 में 108.01 लाख हो गया । जबकि आबादी एक करोड़ से ज्यादा बढी और स्कूलों में बच्चे 46.22 लाख कम हो गए । क्या सरकार स्कूलों में बच्चों की इस कमी को देखते हुए इस पर श्वेत पत्र जारी करेगी सरकार। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शासकीय तथा निजी विद्यालय में नामांकनांक में कमी का मुख्य कारण 0 से 6 वर्ष के आयु के बच्चों की जनसंख्या में कमी , चाइल्ड ट्रेकिंग के कारण डाटा शुद्धिकरण तथा छात्रों का शाला से बाहर हो जाना है। इसके लिए श्वेत पत्र जारी नहीं किया जाएगा।