स्वतंत्र समय, भोपाल
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना लोकसभा सीट पर ‘खेला’ शुरू कर दिया है। सिंधिया लगातार गुना-शिवपुरी क्षेत्र में फील्डिंग कर रहे हैं, ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि वह गुना शिवपुरी सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन इस बार उन्होंने खुद ही चुनाव लडऩे को लेकर बड़ा बयान दिया है। सिंधिया राज्यसभा सांसद और केंद्र सरकार में नागरिक और उड्डयन मंत्री हैं। मध्य प्रदेश में लोकसभा सीटों से कई दावेदारों के नामों की चर्चा शुरू हो गई है, इसमें सबसे ज्यादा सुर्खियों में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम है। सिंधिया ने अपने बयान से गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से दावेदारी अनौपचारिक घोषणा कर दी हैं। खुद सिंधिया ने इसे लेकर जवाब दिया है। गुना लोकसभा सीट पर पांच दिवसीय दौरे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘मेरा दौरा मेरी सोच विचारधारा संभाग को मजबूत करने के लिए है। पिछले 20 सालों से मैं निरंतर गुना लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हूं।’
लोग लगाने लगे नारे तो सिंधिया ने रोका
ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद खेल महोत्सव में शामिल होने गुना पहुंचे थे। महोत्सव में देसी खेल का लुत्फ उठाया। हालांकि सितोलिया (देसी खेल) खेलते वक्त सिंधिया एक दो नहीं बल्कि तीन बार निशाना चूक गए, लेकिन चौथी बार निशाना लगाने में सिंधिया सफल हो गए। उनको निशाना लगाते देख कुछ लोग नारे लगाने लगे श्रीमंत सिंधिया जिंदाबाद। वे जब मंच पर पहुंचे तो उनके भाषण के बीच में दोबारा नारे लगाए गए, गुना शिवपुरी अशोकनगर की मजबूरी है ज्योतिरादित्य सिंधिया जरूरी है। हालांकि सिंधिया ने नारेबाजी को रोकते हुए कहा कि मैं जरूरी नहीं हूं मेरे बच्चे जरूरी हैं।
सिंधिया ने दी समझाइश
सिंधिया ने रस्साकशी खेल के माध्यम से राजनीति की परिभाषा भी समझाई। सिंधिया ने इशारों इशारों में कह दिया कि रस्साकशी में एक तरफ से खींच तो दूसरी तरफ से टेंशन, पाला बदलने के बाद भी नतीजा नहीं निकला। एक शिकारी आ गया उसने लक्ष्य की पूर्ति कर दी। सिंधिया का ये बयान अब चर्चाओं में है। बता दें कि सिंधिया को 2019 में गुना सीट से हार का मुंह देखना पड़ा था। तब उन्हें बीजेपी के केपी यादव ने हरा दिया था।
इधर… नकुलनाथ ने खुद ही फाइनल की अपनी सीट
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से सांसद नकुलनाथ ने खुद ही ऐलान किया है कि वे आगामी लोकसभा चुनाव छिंदवाड़ा से ही लड़ेंगे। दरअसल, परासिया में एक सभा के दौरान सांसद नकुलनाथ ने कहा की आगामी महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव में मैं ही आपका उम्मीदवार रहूंगा। नकुलनाथ ने कहा कि पहले खबरें सामने आ रहीं थी कि छिंदवाड़ा से मेरे पिता कमलनाथ इस बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि मैं ही लोकसभा चुनाव लडूंगा। बता दें कि पिछले दिनो तीन हिंदी भाषी राज्यों में हुए चुनाव में छिंदवाड़ा ही एकमात्र जिला है जिसकी सभी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी जीते हैं। पिछले दिनो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में दिग्गजों को चुनाव लड़ाने की बात कही थी तभी से सियासी गलियारों में चर्चा थी कि कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को भी चुनावी मैदान में उतारेगी।
विस चुनाव में ज्यादा प्रत्याशियों के कारण गुटबाजी होती है
छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ ने परासिया की कांग्रेस की एक मीटिंग में कहा कि अफवाहें चल रही है कि छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव कमलनाथ लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं आपको स्पष्ट कर दूं मैं ही छिंदवाड़ा से लोकसभा का प्रत्याशी रहूंगा। मुझे पिता कमलनाथ का पूरा सहयोग और मार्गदर्शन रहेगा। आपने हमेशा नाथ परिवार का हमेशा सहयोग किया है। इस बारी भी आप सभी का सहयोग रहेगा। सांसद नकुलनाथ ने कहा कि विधानसभा चुनाव ज्यादा प्रत्याशी होते हैं, इसलिए गुटबाजी होती है। लोकसभा चुनाव में गुटबाजी नहीं होती हैं। बता दें कि नकुलनाथ साल 2019 का लोकसभा चुनाव 37500 वोटों से जीते थे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बड़े बेटे नकुलनाथ ने अपने सक्रिय राजनीति की 2019 का लोकसभा चुनाव लडक़र की थी। इन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी नत्थन शाह को 37500 वोट से हराकर सांसद निर्वाचित हुए थे।