द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा जान से मारने का प्रयास करने वाले आरोपी को 10वर्ष कठोर कारावास एवं व अर्थदण्ड से दंडित किया – सोनी

हरदा – पुलिस थाना सिटी कोतवाली हरदा पर अपराध क्र. 452/2020 अंतर्गत धारा 294, 323, 506, 307, 120(बी)/34 भादवि एवं 25, 27 आम्र्स एक्ट का आरोपी अश्विनी पिता रामसिंह विश्नोई, मयूर पिता रामसिंह विश्नोई, रामसिंह पिता बाबूलाल विश्नोई, निवासी ग्राम देवतलाव, थाना हंडिया एवं आरोपी गौरव उर्फ नाना निवासी खेड़ीपुरा हरदा के विरूद्ध दर्ज किया गया।

अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रवीण सोनी के द्वारा बताया गया कि घटना दिनांक 06/11/2020 को 02:15 बजे हरीशशंकर अपने खेत की नहर का हेडअप ग्राम देवतलाव में देखने गये थे, जिनके साथ में विजय भी गया था, उसी समय अश्विनी विश्नोई एवं मयूर विश्नोई विश्नोई दोनों आये तथा माँ-बहन की गंदी-गंदी गालियाँ देकर बोले खेत में पानी देने की बात को लेकर नहर का हेडअप क्यों तोड़ा?

इस बात को लेकर दोनों ने मारपीट कर अश्विनी ने अचानक कट्टा (पिस्तौल) निकाल किया तो मयूर बोला कि पापा ने कहा कि झगड़ा हो तो जान से खत्म कर देना, तो अश्विनी ने कट्टे से गोली जान से मारने की नियत से चलाई, जो कि बांये गाल में लगी, मयूर बोला कि एक गोली और मार तो अश्विनी ने दोबारा कट्टे से गोली चलाई तथा विजय ने उसका हाथ नीचे कर दिया, गोली जमीन में लग गई हरीशंकर को गोली लगने से वह खून में लतपत होकर जमीन में गिर पड़ा। उस समय घटना स्थल पर विजय व विजय का भतीजा राज तथा कोटवार भुजराम तथा नहर विभाग के कर्मचारी व अन्य थे।

अश्विनी और मयूर कट्टा लेकर भाग गये और हरीशंकर को ईलाज हेतु शासकीय अस्पताल में भर्ती किया गया तथा हाॅस्पीटल में ही देहातिनालीसी लेखबद्ध कराई तथा आरोपीगण को गिरफ्तार कर न्यायालय मंे पेश किया गया तथा चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, आरोपीगण के विरूद्ध विचारण कार्यक्रम तैयार किया गया तथा न्यायालय के समक्ष 16 अभियोजन साक्षीगण के कथन अंकित कराये गये तथा माननीय न्यायालय के द्वारा अभियोजन साक्ष्य का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया तथा माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय श्री राजेन्द्र कुमार दक्षिणे साहब द्वारा दिनांक 10/02/2023 को आरोपीगण के विरूद्ध निर्णय पारित करते हुए आरोपी अश्विनी के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाते हुए धारा 307 भादवि एवं धारा 3 सहपठित धारा 25(1-ख)(क) आयुध अधिनियम की धारा 5 का उल्लंघन होकर धारा 27(1) में दोषी पाते हुए धारा 307 में 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000 रू. के अर्थदण्ड व अर्थदण्ड जमा न करने पर 6 माह का कठोर कारावास एवं धारा 25(1-ख) में दोषी पाते हुए 3 वर्ष का कठिन कारावास व 2000 रू. का जुर्माना एवं धारा 27(1) में 3 वर्ष का कठिन कारावास व 2000 रू. का जुर्माना, व जुर्माना जमा न करने पर 2 माह का कठिन कारावास की सजा भुगताये जाने का निर्णय पारित किया है तथा अन्य अभियुक्तगण के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य न पाये जाने से उन्हें दोषमुक्त किया है, प्रकरण में अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक श्री प्रवीण सोनी पैरवी की गई है