कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन आज, शिक्षा, ग्रामीण विकास और सुरक्षा मामलों पर गहन चर्चा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में चल रही दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन बुधवार को आयोजित किया जाएगा। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को एक मंच पर लाकर जनजीवन, कानून व्यवस्था और विकास योजनाओं से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा करना है।

प्राथमिकताओं और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों पर चर्चा

कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र की शुरुआत सुबह 9:30 बजे होगी। इस सत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई और आयुक्त जनसंपर्क दीपक सक्सेना भाग लेंगे। इस सत्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकारी प्राथमिकताओं और जनसंपर्क से जुड़े अपेक्षाओं पर विस्तृत चर्चा होगी। अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि प्रत्येक जिले और क्षेत्र में योजनाओं की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित हो और जनता तक सरकारी सेवाओं का लाभ समय पर पहुंचे।

शिक्षा क्षेत्र पर केंद्रित दूसरा सत्र

कॉन्फ्रेंस का दूसरा सत्र शिक्षा क्षेत्र पर होगा। इसमें प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य विभाग और आयुक्त राज्य शिक्षा विभाग प्रेजेंटेशन देंगे। इस सत्र में प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र उपस्थिति, डिजिटल शिक्षा और जनजातीय छात्रों के लिए विशेष पहल पर चर्चा की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि शिक्षा के सभी स्तरों में सुधार के लिए क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएं।

ग्रामीण विकास और जनजातीय कार्यों पर तीसरा सत्र

तीसरे सत्र का फोकस ग्रामीण विकास और जनजातीय कार्यों पर रहेगा। इसमें अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग भाग लेंगे। इस सत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं की प्रगति, पंचायत स्तर पर कार्यान्वयन और जनजातीय समुदायों के लिए विशेष योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे कि योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और समयबद्धता बनी रहे।

कानून व्यवस्था और सुरक्षा पर अंतिम सत्र

कॉन्फ्रेंस का अंतिम सत्र प्रदेश की कानून व्यवस्था और सुरक्षा पर केंद्रित होगा। इस सत्र में पुलिस विभाग और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। इसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा की स्थिति, अपराध नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा से जुड़े उपायों पर व्यापक चर्चा की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो और सुरक्षा के हर पहलू पर सतत निगरानी रखी जाए।