इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी Akshay Bam पर 307 का प्रकरण दर्ज

स्वतंत्र समय, इंदौर

मध्यप्रदेश की व्यावसायिक नगरी इंदौर मे सांसद का चुनाव लड़ रहें अक्षय बम ( Akshay Bam ) सहित अन्य लोगों को दिनांक 10/05/2024 को उपस्थित होने के आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री मती निधि नीलेश श्रीवास्तव ने दिए। घटना में तत्कालीन आई जी इंदौर सुरजीत सिंह व उनके पुत्र सतवीर सिंह की सिक्योरिटी एजेंसी को कांतिलाल बम व अक्षय बम नें यूनुस पटेल की जमीन खाली कराने का ठेका दिया था। यूनुस के खिलाफ पुलिस नें झूठा लूट का प्रकरण सतवीर की रिपोर्ट पर दर्ज करा दिया था। झूठे साक्ष्य रचने के कारण यूनुस लूट के प्रकरण से दोषमुक्त हो चुके है। अपराध कं. 581/2007 की केस डायरी प्रकरण के साथ संलग्न नहीं है। अत: थाना प्रभारी खजराना को माननीय सत्र न्यायालय के समक्ष केस डायरी पेश करने हेतु निर्देशित किया गया।

Akshay Bam ने फरियादी के नौकरों से मारपीट की

प्रकरण में प्रस्तुत प्रथम सूचना प्रतिवेदन से दर्शित है कि घटना 4 अक्टूबर 2007 को लगभग 10:30 बजे से 4:15 बजे के बीच की है।अभियुक्तगण ने फरियादी के गांव में जाकर उसकी भूमि पर उसके नौकरों को धमकाया और उनके साथ मारपीट की गई थी और वहां कटी हुई रखी सोयाबीन में आग लगा दी। सोयाबीन में आग लगाने के कारण अभियोजन की ओर से धारा 436 भादंसं का अपराध बनना कहा गया है। भा.दं.स. 1860 की धारा 436 के गठन के लिये यह आवश्यक है कि ‘अभियुक्त के द्वारा कोई ऐसे निर्माण का जो मामूली तौर पर उपासना स्थान के रूप में या मानव निवास के रूप में या सपंत्ति के अभिरक्षा के रूप में उपयोग में आता हो, नाश कारित करने के आशय से, या यह संभाव्य जानते हुये कि वह तद्वारा उसका नाश कारित करेगा, अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टी करे।

प्रकरण में घटना फरियादी के खेत की है। खेत का उपयोग संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रूप या मानव निवास के रूप में नहीं किया जाता है। अत: धारा 436 भा.दं.स. का अपराध आकर्षित नहीं होता है।असियोद्धात क्रीमोड सह नर्कक्रिया या कि प्रतिवेदन में घटना दो कम में घटित हुई है। प्रथम बार जब फरियादी गण अपने नौकर का मेडिकल परीक्षण करवाकर वापस खेत पर लौटे तो अभियुक्त कांतिलाल एव उसका लडका अक्षय, सतवीर, सुरक्षागार्ड मनोज, सोनू बंदूक लेकर एवं अन्य 7-8 लोग भी आये थे जिनमें से कांतिलाल ने कहा था कि यही युनुस गुड्डू है इसे गोली मारकर जान से खत्म कर दो तभी रिंकू ने युनुस का हाथ पकडकर उसे पीछे से खींच लिया था। वह व रिंकू चिल्लाये भी थे कि उन्हें बचाओ उन्हें अभियुक्तगण गोली मार देंगे। प्रकरण में संलग्न फरियादी युनुस के दिनांक 19.10.2007 को लिये गये धारा 161 दं.प्र.सं. 1973 के कथन में भी यह लेख है कि इस पर सतवीर सिह ने गोली चलाई थी तभी मेरे साथी रिंकू वर्मा ने हाथ पकडकर खींच लिया जिससे गोली मेरे पास से निकल गई। साक्षी कैलाश, उस्मान ने भी अपने धारा 161 द.प्र.सं. के कथन में अभियुक्तगण द्वारा फरियादी युनुस पटेल की ओर बंदूक करके गोली चलाना बताया है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 300 के अनुसार भी जो कोई मृत्यु कारित करने के आशय से अथवा ऐसी शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से जिससे अपराधी जानता है कि उस व्यक्ति की मृत्यु कारित करना संभाव्य है जिसको यह अपहानि की गई है अथवा ऐसी शारीरिक क्षति कारित करने के आशय से किया गया हो और वह शारीरिक क्षति जिसको करने का आशय हो प्रकृति के मामूली अनुक्रम में मृत्यु कारित करने के पर्याप्त हो अथवा यदि कार्य करने वाला व्यक्ति यह जानता है कि कार्य इतना आसन्न संकट है कि पूरी अधिसंभाव्यता है कि वह मृत्यु कारित कर ही देगा, और वह मृत्यु कारित करने या पूर्वोक्त रूप की क्षति कारित करने की जोखिम उठाने के लिये किसी प्रतिहेतु के कार्य करे। अभियोग पत्र में संलग्न फरियादी युनुस एवं साक्षी कैलाश व उस्मान के धारा 161 दं.प्र.सं. के कथन से यह प्रथम दृष्टया दर्शित है कि अभियुक्त सतीश के द्वारा फरियादी युनुस की ओर बंदूक करके गोली चलाई गई है। घटनास्थल से 1 बारह बोर की बंदूक एवं 1 चला हुआ कारतूस भी जप्त किया गया है। यदि अभियुक्तगण की ओर से चलाई गई बंदूक से फरियादी युनुस मुत्यु हो जाती तो अभियुक्तगण पर हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध किया जा सकता था। अत: प्रकरण की परिस्थितियों में अभियुक्तगण के विरूद्ध प्रथम दृष्टया धारा 307 भा.दं.सं. 1860 का अपराध बनना पाया जाता है। अभियुक्तगण कांतिलाल एवं अक्षय जमानत पर हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन पर भाजपा की आपत्ति खारिज

कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम के नामांकन फॉर्म के संबंध में भारतीय जनता पार्टी की ओर से दो आपत्ति पेश की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि अक्षय ने कोर्ट में लंबित आपराधिक प्रकरण में धारा 307 आईपीसी को जानबूझकर छुपाया है। इस आधार पर नामांकन फॉर्म निरस्त किए जाने की मांग की गई थी। कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से इंदौर जिला कांग्रेस लीगल सेल के जिला अध्यक्ष रवीन्द्र कुमार पाठक द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष तर्क प्रस्तुत किए गए की जिस दिनांक 24/4/24 को कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था उसी दिन कोर्ट द्वारा प्रथम दृष्टया 307 आईपीसी पाया जाना उल्लेखित कर प्रकरण सत्र न्यायाधीश को अंतरित किया है।
जिसमें मई माह में चार्ज लगाया जाना है। इस आधार पर आज दिनांक को प्रत्याशी पर कोई चार्ज 307 आईपीसी का नहीं हैं तथा इस आदेश की जानकारी भी प्रत्याशी को नामांकन व शपथ पत्र पेश करते समय नहीं थी। अत: कोई तथ्य जानबूझकर नहीं छुपाया गया है। इन तर्कों से सहमत होकर जिला निर्वाचन अधिकारी इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा आपत्ति अमान्य करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम का नामांकन फॉर्म स्वीकार किया गया।