आत्मनिर्भर भाजपा: कुशाभाऊ ठाकरे की दूरदृष्टि से संगठन को मिली मजबूती, आजीवन सहयोग निधि का मॉडल बना सफलता का आधार

कीर्ति राणा, इंदौर। मप्र में जनसंघ के जमाने से चवन्नी के सहयोग से शुरु हुई आजीवन सहयोग निधि का मॉडल इतना कारगर रहा कि भाजपा ने इसे सभी राज्यों में लागू कर दिया। भाजपा के पितृ पुरुष कुशाभाऊ ठाकरे ने इस विचार को अमली जामा पहनाया था कि संगठन समाज की भागीदारी से चले।उनके इस विचार ने संगठन की गतिविधियों को विस्तार देने के लिए बड़े लोगों के आगे हाथ फैलाने की मजबूरी से मुक्त तो कर ही दिया, सामान्य कार्यकर्ता में यह भावना भी मजबूत कर दी कि इस संगठन की मजबूती में उसका भी सहयोग है।

जनसंघ के वक्त चवन्नी सदस्य के रूप में यह सहयोग निधि एकत्र की जाती थी, बाद में यह राशि एक रु तक पहुंची।गुरु पूर्णिमा पर ध्वज पूजन के दिन दक्षिणा के साथ सहयोग निधि भी जुटाई जाती थी। संघर्ष के दिनों में भाजपा ने यह निधि सौ से पांच सौ तक की। बाद में हर साल सहयोग निधि का लक्ष्य निर्धारित किया जाने लगा। मप्र में कुशाभाऊ ठाकरे के विचार से शुरु हुई इस आजीवन सहयोग निधि ने प्रदेश में भाजपा को इतना आत्म निर्भर बना दिया कि इस मॉडल को उसने पूरे देश में लागू कर दिया।

🔹चार महीने में जुटाए सवा चार करोड़

मप्र भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के आगमन और कार्यकर्ता सम्मेलन में नगर भाजपा अध्यक्ष सुमित मिश्रा के नेतृत्व में उन्हें आजीवन सहयोग निधि के तहत 4.25 करोड़ की राशि का चेक भेंट किया गया था। यह धन संग्रह 11 फरवरी से शुरु किया गया और चार महीनों में यह राशि 3 करोड़ के लक्ष्य से अधिक 4.25 करोड़ तक पहुंच गई।इस आजीवन सहयोग निधि जुटाने वाली समिति के महापौर पुष्यमित्र भार्गव प्रभारी, जवाहर मंगवानी, पराग लोंढे सह प्रभारी और विधानसभावार संदीप दुबे, (एक नंबर) राजेंद्र राठौर (दो नंबर), बबलू मित्तल (तीन नंबर), जीतू राठौर (चार नंबर), पांच से अजित सिंह रघुवंशी (पांच नंबर), बबलू शर्मा (राऊ), सुशील शर्मा (देपालपुर से), निपानिया से यशवंत शर्मा(निपानिया, सांवेर) सदस्य थे। प्रदेश भाजपा का जो नया भवन बना है इसमें इंदौर जिले से जुटाई 8 करोड़ सहयोग निधि का भी सहयोग रहा है। मंगवानी ने बताया न्यूनतम एक हजार का सहयोग रहता है। 2हजार से ऊपर की राशि चेक से लेते हैं। सवा चार करोड़ में 70 फीसदी राशि चेक से मिली है। एक एक पैसे का हिसाब रखा जाता है।

🔹तब जुटाए थे दो साल में 11 करोड़

तत्कालीन नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के कार्यकाल में कोविड और विधानसभा चुनाव की अवधि छोड़कर दो साल में पहले साल 6.50 करोड़, दूसरे साल करीब 4.50 (कुल 11 करोड़) सहयोग निधि जुटाई गई थी। रणदिवे ने बताया संबंधित भाजपा इकाई जितनी सहयोग राशि जुटाती है । आदर्श स्थिति में उसमें से 25 प्रतिशत राशि प्रदेश संगठन, 25 प्रतिशत राशि संबंधित भाजपा जिला इकाई को और 50 फीसदी राशि केंद्रीय संगठन को दी जाती है। इस राशि का उपयोग संगठन की साल भर चलने वाली गतिविधियों, नेताओं के प्रवास व्यवस्था आदि के लिये किया जाता है।

🔹सांसद गुप्ता ने 30 साल राशि एकत्र की

आजीवन सहयोग निधि के संबंध में भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबू सिंह रघुवंशी ने बताया जनसंघ के समय से शुरु हुई इस योजना में 1967 से तो मैं भी जुड़ा हुआ हूं। नेताओं के प्रवास, भोजन, कार्यालय खर्च आदि के लिए पच्चीस पैसे से एक रु सदस्यता शुल्क लिया जाता था। संघ प्रचारक कोषाध्यक्ष रहे-सांसद नारायणदास गुप्ता हर जिले में चार-पांच दिन रुक कर सहयोग निधि समाजजनों से एकत्र करते थे। नाराज कार्यकर्ता की जानकारी लगने पर उसके निवास पर जाते, उसकी बात सुनते, राशि लेते थे।किसानों से सहयोग निधि में अनाज भी लेते थे और उसे व्यापारी के यहां बेच कर नकद कर लेते थे।

🔹मैं और गोकुल दादा तो 5-10 रु ही दे पाते थे

वरिष्ठ नेता-राष्ट्र कवि सत्यनारायण सत्तन का कहना था मैं तो मास्टर था, मैं और गोकुल (भूतड़ा) दादा 5-10 रु देते थे लेकिन हमारे आग्रह पर इससे अधिक राशि शहर से कई लोगों से जुटा लेते थे। तब लक्ष्य महीं था। अब तो हर साल जीरो बढ़ने के साथ लक्ष्य बढ़ता जाता है। विदिशा में तो दीनदयालजी की पुण्यतिथि 11 फरवरी को ही साल भर की सहयोग निधि जुटा ली जाती है। भाजपा का हर कार्यकर्ता ‘मेरी भाजपा’ की भावना से जुड़ कर अपनी हैसियत मुताबिक सहयोग करता है। अब तो पूरे देश में यह राशि जुटाई जाने लगी है। ठाकरे जी ने मुझे और ज्योति कानपुरी को साहित्यिक जिम्मेदारी दी थी। हम पर प्रदेश के साहित्यकारों-कवियों को जोड़ने का दायित्व था।