कानून एवं न्याय मंत्रालय के विधि कार्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील जैन को भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (ASGI) के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के लिए की गई है और इसका प्रभाव 29 सितंबर 2025 से प्रारंभ होगा। उनका कार्यकाल तीन वर्षों तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रभावी रहेगा।
राष्ट्रपति ने सौंपा महत्वपूर्ण दायित्व
भारत के राष्ट्रपति द्वारा की गई इस नियुक्ति के माध्यम से सुनील जैन को केंद्र सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में मामलों की पैरवी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह पद न्यायिक प्रणाली में उच्च सम्मान और महत्वपूर्ण भूमिका वाला होता है, जो केंद्र और राज्य के बीच कानूनी समन्वय स्थापित करने में अहम भूमिका निभाता है।
लंबा अनुभव, उत्कृष्ट सेवाएं
सुनील जैन न केवल एक अनुभवी और प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, बल्कि उन्होंने अधिवक्ता परिषद, उच्च न्यायालय इकाई इंदौर के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने न्याय क्षेत्र में अपनी गहरी समझ, तर्कशक्ति और निरंतर सेवा भाव के माध्यम से यह मुकाम हासिल किया है। बार और बेंच के बीच सामंजस्य स्थापित करने और विधिक सुधारों में उनकी भूमिका को हमेशा सराहा गया है।
मध्यप्रदेश न्याय व्यवस्था को मिलेगा सशक्त प्रतिनिधित्व
सुनील जैन की नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश के न्यायिक क्षेत्र को प्रभावी नेतृत्व और सशक्त प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह नियुक्ति प्रदेश की न्याय व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगी और केंद्र की ओर से उठाए गए विधिक मामलों में मजबूती प्रदान करेगी।