बालाघाट की क्रांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे चर्चा का विषय बन गई है। हाल ही में उन पर वन मंडल अधिकारी (DFO) नेहा श्रीवास्तव से खुलेआम 2-3 लाख रूपए की डिमांड करने का आरोप लगा है। इतना ही नहीं विधायक अनुभा मुंजारे ने DFO से गाली गलौज कर शहर से बाहर ट्रांसफर करवाने का भी आरोप लगा है।
दरअसल, DFO नेहा श्रीवास्तव ने विभाग को चिट्ठी लिखी थी। जिसमें ये बताया गया था कि 18 अगस्त 2025 को सार्वजनिक अवकाश था। उस दिन विधायक ने अपने सरकारी पद की आड़ में शाम को 4 बजे उन्हें बालाघाट के वन विश्राम गृह में बुलाया और उनसे कथित तौर पर 2-3 पेटियों की अवैध रूप में पैसों की मांग की।
जब नेहा श्रीवास्तव ने उनकी मांग मानने से इंकार कर दिया तो विधायक ने ना केवल उनके लिए आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया बल्कि परिवार को टारगेट करने की तक धमकी दे डाली। इतना ही नहीं विधायक अनुभा मुंजारे ने सभा में मौजूद अन्य वन अधिकारियों और पूरे विभाग को अपमानित करते हुए चेतावनी दी कि कोई भी अधिकारी जिले में पदस्थ नहीं रह सकेगा।
साथ ही विधायक अनुभा मुंजारे पर ये भी आरोप लगे है कि वे अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल दबाव और ब्लैकमेल की रणनीति के लिए करती रही है। प्रशासन को हटाने के लिए उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर उनकी बातें नहीं मानी गई तो वह भोपाल मुख्यालय में धरना और भूख हड़ताल करेंगी।
इस पत्र के अनुसार विधायक के निजी सहायक ने भी (DFO) नेहा श्रीवास्तव से बजसलूकी की। बताया जाता है कि निज सहायक विधायक का भतीजा है। जब अधिकारी ने उसे शालीनता बनाए रखने की हिदायत दी तो स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
बहरहाल, वन विभाग ने इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए आधिकारिक समिति गठित कर दी है। जांच आदेश के अनुसार राज्य शासन ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले में जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। इनमें अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कमलिका मोहंता और वन संरक्षक अंजना सुचिता तिर्की शामिल है।
दोनों अधिकारियों को राज्य शासन ने निर्देशित किया है कि वे अगले दो हफ्ते के अंदर जांच पूरी कर प्रतिवेदन राज्य शासन को सौंपे। विन विभाग ने आदेश में साफ किया है कि जांच निष्पक्ष, तथ्यात्मक और निर्धारित समयसीमा में पूरी की जाएगी।