Indore News : इंदौर के आजाद नगर थाना क्षेत्र में श्री बालाजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में हुई महिला की मौत के बाद अब बड़ा विवाद बन चुका है। मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे।
साथ ही प्रदर्शनकारियों पर भी आरोप लगे है कि महिला की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन से करीब 3 लाख रूपए वसूले गए। गौरतलब है कि ये रकम उस व्यक्ति ने ली, जो कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा महामंडलेश्वर बनाए गए मनोज परमार का करीबी है।
मृतक महिला के पति ऋतिक के अनुसार बताया गया कि उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रात करीब 2 बजे मेडिकल से सामान लाने के लिए कहा गया, लेकिन जब नली लगाने की बात आई तो उसने मना कर दिया क्योंकि मृतक के घर में पहले भी इसी प्रक्रिया से एक मौत हो चुकी थी। सुबह जब पत्नी को वेटिंलेटर पर रखा गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
सूत्रो के अनुसार बताया गया है कि इसके बाद ऋतिक ने अखिल भारतीय बलाई महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार को कॉल किया। जिसके बाद मनोज परमार के कहने पर कार्यकर्ता लखन देपाले अस्पताल पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शन शुरु करवाया गया। जिसके कुछ देर बाद लखन ने ऋतिक को 30 हजार की रकम बलाई समाज की मदद राशि के नाम पर दी।
लेकिन मृतक महिला के परिवार को शक हुआ कि उन्होंने ये पैसा अस्पताल से लिया। जब ऋतिक ने इस पर सवाल खड़े किए तो उसके पास धमकी भरे फोन आने लगे और पैसे लौटाने की चेतावनी आने लगी। इस मामले में मृतक के पति ऋतिक का कहना है कि मैं लखन को जानता भी नहीं था, पत्नी की मौत के बाद पहली बार मिला और अब वो धमकाकर पैसे मांग रहे है।
वहीं इस मामले में लखन देपाले ने पुलिस थाने में आवेदन देकर कहा है कि उन्होंने ऋतिक को उधार पैसे दिए थे जो अब लौटाए नहीं जा रहे। गौरतलब है कि अस्पताल प्रबंधन ने भी ऋतिक पर वसूली के आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ आवेदन दिया है।
वहीं इस मामले में मनोज परमार का कहना है कि मैं चित्रकुट गया था, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। दोनों समाज के लोग है, मैं ऑफिस बुलाकर बात करूंगा। आपको बता दें कि हाल ही में मंत्री केलाश विजयवर्गीय ने मनोज परमार को महामंडलेश्व की उपाधि दी थी। लेकिन अब उनके करीबी पर वसूली के आरोप लगने से मामला और गरमाता नजर आ रहा है।