Shadi Muhurat Nov-Dec 2024: देवशयनी एकादशी से विवाह पर लगी 117 दिनों की रोक देवउठनी एकादशी के दिन, यानी 12 नवंबर को समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही शुभ विवाह का मुहूर्त फिर से शुरू हो जाएगा। इस अवसर पर हलवाई, कैटरिंग, बैंड, गार्डन, होटल, धर्मशाला और वैवाहिक आयोजन से जुड़े अन्य व्यवसायों में व्यस्तता बढ़ेगी, जिससे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। लंबे अंतराल के बाद विवाह के आयोजन शुरू होने से इस व्यवसाय से जुड़े लोग आर्थिक रूप से राहत महसूस करेंगे और शहर में शादी-विवाह का माहौल फिर से जीवंत होगा।
वैवाहिक सीजन की शुरुआत के साथ ही शादी-विवाह के आयोजनों के लिए 80 प्रतिशत से अधिक बुकिंग हो चुकी है। इस भारी मांग के चलते हलवाई, कैटरिंग, बैंड, गार्डन, होटल और धर्मशालाओं में काम का दबाव बढ़ गया है। इसके कारण दीपावली और छठ पूजा के लिए घर गए स्टाफ को भी जल्दी वापस बुलाया जा रहा है, ताकि आगामी आयोजनों की तैयारी में कोई कमी न रहे। व्यवसाय से जुड़े लोग इस सीजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि इससे उन्हें अच्छी आमदनी की उम्मीद है।
वर्ष 2024 के अंतिम दो महीनों में विवाह के लिए 16 शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें शादी के आयोजनों की भरमार होने की उम्मीद है। जानकारों के अनुसार, हर एक मुहूर्त में लगभग 300 से 400 विवाह समारोह आयोजित हो सकते हैं। ये अनुमानित आंकड़े केवल वैवाहिक स्थलों जैसे बैंकेट हॉल, गार्डन और धर्मशालाओं पर आधारित हैं, जिनमें स्कूल-कॉलेज और खेल मैदान जैसे स्थानों पर होने वाले आयोजन शामिल नहीं हैं। इतने बड़े स्तर पर आयोजनों की संभावना के कारण विवाह से जुड़े व्यवसायों में भी भारी मांग और व्यस्तता देखी जा रही है।
पिछले विवाह सीजन का अंतिम शुभ मुहूर्त 15 जुलाई को था, क्योंकि इसके दो दिन बाद, 17 जुलाई को भगवान विष्णु योग निद्रा में चले गए थे। सनातन परंपरा के अनुसार, चातुर्मास के चार महीनों में वैवाहिक आयोजन नहीं किए जाते हैं। देवोत्थान एकादशी के दिन, जब देवता योग निद्रा से जागते हैं, वैवाहिक आयोजनों का शुभारंभ होता है।
आचार्य रामचंद्र शर्मा के अनुसार, इस बार नवंबर और दिसंबर में विवाह के शुद्ध और मिश्रित मुहूर्त पर बड़ी संख्या में शादी समारोह आयोजित होंगे। विवाह की इतनी मांग है कि कई विद्वानों के पास एक ही मुहूर्त पर लगभग तीन शादियों की बुकिंग है। इसके चलते विवाह संबंधी सेवाओं से जुड़े सभी व्यवसायों में अत्यधिक व्यस्तता और तैयारी देखी जा रही है।
इस वर्ष के वैवाहिक आयोजनों का अंतिम शुभ मुहूर्त 15 दिसंबर 2024 तक रहेगा, क्योंकि इसके बाद धनु मलमास (संक्रांति) के कारण 14 जनवरी 2025 तक विवाह पर रोक लग जाएगी। सनातन परंपरा के अनुसार, मलमास के दौरान किसी भी शुभ कार्य का आयोजन नहीं किया जाता है, जिसमें विवाह भी शामिल है।
इसके अलावा, 19 मार्च 2025 से 23 मार्च 2025 तक चार दिनों के लिए शुक्र अस्त रहेगा, जिसके कारण उन दिनों में भी विवाह नहीं किए जाएंगे। इसके बाद 14 मार्च 2025 से 14 अप्रैल 2025 तक मीन मलमास रहेगा, जिसके दौरान भी विवाह जैसे शुभ कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा। इन वजहों से 2025 में विवाह के लिए उपलब्ध मुहूर्त सीमित होंगे, और वैवाहिक आयोजनों की बड़ी संख्या जनवरी के बाद के मुहूर्तों में देखी जा सकती है।