Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्र इस बार तीन अक्टूबर से प्रारंभ होगा। इस नवरात्र में नौ दिनों में तीन बार सर्वार्थ सिद्धि और चार बार रवियोग का महासंयोग बन रहा है। धर्मशास्त्र के अनुसार, जब शक्ति उपासना के इस पर्व में विशिष्ट योग और नक्षत्र की साक्षी होती है, तो यह साधना और आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे विशेष योग साधक की आराधना को सिद्ध करने में सहायक होते हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शारदीय नवरात्र का आरंभ तीन अक्टूबर को गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र की साक्षी में होगा। इन विशेष योगों में की गई उपासना शीघ्र फल प्रदान करती है। यह समय नए व्यापार या व्यवसाय की शुरुआत के लिए शुभ है, साथ ही घर-परिवार के लिए की गई खरीदारी भी लाभकारी होती है। ऐसे में श्रद्धा और भक्ति के साथ की गई आराधना विशेष फल प्रदान कर सकती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग नवरात्र के दौरान तीन दिन रहेगा, जो सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। इस योग में देवी की शास्त्रोक्त आराधना करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है। इस दौरान नया व्यवसाय शुरू करना, भूमि, भवन या वाहन की खरीदी शुभ मानी जाती है। इसलिए, इस विशेष योग में श्रद्धा और संकल्प के साथ की गई पूजा और आराधना से विशेष लाभ मिल सकता है।
रवि योग
रवि योग भी नवरात्र के दौरान शुभ फल प्रदान करने वाला माना जाता है। इस योग में स्वर्ण की खरीदी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। इसके अलावा, इस दौरान प्लॉट, मकान, कृषि भूमि की रजिस्ट्री करना, इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना और वाहनों की खरीद भी स्थाई समृद्धि के लिए लाभकारी होते हैं। इस योग का लाभ उठाने के लिए इन कार्यों को इस विशेष समय में करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है।
आने वाले दिनों में देवी के पालकी में सवार होकर आने से व्यापार और व्यवसाय में गति मिलेगी। रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और विकास के कार्य आगे बढ़ेंगे। इससे आम जनमानस के जीवन स्तर में सुधार होगा और सकारात्मकता का संचार होगा। यह समय सामूहिक समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक बनेगा।