Shastri Bridge : उम्र 80 साल, बोझ 4 लाख वाहनों का

  • शास्त्री ब्रिज से प्रतिदिन गुजरते हैं साढ़े तीन से 4 लाख वाहन
  • ब्रिज को चौड़ा करें या फिर इसके समानांतर एलिवेटेड बनाए
  • पांच रास्तों का कनेक्शन है ब्रिज से
  • सात साल पहले तात्कालीन आईडीए के चेअरमेन लालवानी करवा चुके है ब्रिज का सर्वे
  • ब्रिज की लाइफ बढ़ाने के लिए सांसद, विधायकों , विशेषज्ञों और अफसरों के बीच मंथन जरूरी
विपिन नीमा, इंदौर

लेकिन शहर के बीचों-बीच एमजी रोड स्थित शहर के सबसे पुराने शास्त्री ब्रिज ( Shastri Bridge ) की चिंता किसी को नहीं है। वहीं, शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण,नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और मध्य प्रदेश सडक़ विकास निगम मिलकर शहर के चारों ओर 15 फ्लाईओवर और रेलवे ओव्हर ब्रिज बना रहे हैं। वृद्धावस्था में पहुंच चुका शास्त्री ब्रिज की उम्र लगभग 80 साल हो चुकी है और वह रोज लगभग साढ़े तीन से चार वाहनों का बोझ झेल रहा है।

Shastri Bridge पर सुबह से शाम तक ट्रैफिक

लगभग 448 मीटर लम्बे इस शास्त्री ब्रिज ( Shastri Bridge ) की चढ़ाई गांधी हाल के गेट से शुरू होती है और रीगल टाकिज की और उतरता है। टू लेन होने की वजह से ब्रिज पर सुबह से लेकर रात तक ट्रैफिक चलता रहता है। इसी दौरान एक वाहन के खराब या बंद हो जाने से पलभर में ब्रिज के दोनों छोर पर वाहनों का जाम लग जाता है। इस ब्रिज की यहीं एक सबसे बड़ी समस्या है। पुराने शहर (जिला कोर्ट से पहले तक)और नए शहर ( रीगल के पार ) को जोड़ने वाला यह ब्रिज अपनी उम्र के साथ साथ लाखों वाहनों का बोझ झेल रहा है। अब ब्रिज को चौड़ा करने का समय आ गया है, जिस तरह से शहर बढ़ता और फैलता जा रहा है उसी रफ्तार से शहर की सडक़ों पर वाहनों की संख्या और वाहनों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। इंदौर के भविष्य को देखते हुए अफसरों, सांसद, महापौर, विधायको, इंजीनियरों को एक साथ बैठकर शास्त्री ब्रिज के चौड़ीकरण पर चिंतन और मंथन करना चाहिए। अगर ब्रिज चौड़ा नहीं होता है तो दूसरे विकल्प के रुप में इसी ब्रिज के समानांतर एलिवेटेड ब्रिज भी बनाया जा सकता है।

चौड़ाई कम होने की वजह से ब्रिज पर रोज लगता है जाम

शहर का सबसे पुराना और अतिव्यस्त शास्त्री ब्रिज पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सुबह से लेकर देर रात तक ब्रिज पर वाहनों की आवाजाही लगी ही रहती है। शहर में लगातार वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। आरटीओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिदिन 700 से 800 रजिस्टर्ड वाहन शहर की सडक़ों पर उतर रहे हैं। तेजी से बढ़ते वाहनों की संख्या के कारण शहर की लाइफ लाइन वाले शास्त्री ब्रिज पर भी वाहनों का असर पड़ता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में ब्रिज पर प्रतिदिन साढ़े तीन से चार लाख वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। इस कारण लगभग 80 साल पुराने तीन भुजाओं और टू लेन वाले ब्रिज को चौड़ा करना जरुरी हो गया है। वर्तमान स्थिति में चौड़ाई कम होने की वजह से ब्रिज पर प्रतिदिन वाहनों का जाम लगता रहता है।

ब्रिज का कनेक्शन है पांचों रास्तों से

शास्त्री ब्रिज पर बढ़ते दबाव पर वरिष्ठ इंजीनियर ने बताया की रीगल चौराहे पर पांच रास्ते ऐसे है जो जो सीधे-सीधे शास्त्री ब्रिज से जुड़े हुए है। ये पांचों रास्ते ऐसे हैं जो ब्रिज से आते है और जाते है।

ये है वे पांच रास्ते…

  • जिला कोर्ट से सीधे रीगल चौराहे की और जाने वाला रास्ता
  • शास्त्री ब्रिज से सीधे हाई कोर्ट की ओर
  • शास्त्री ब्रिज से आरएनटी मार्केट की ओर
  • शास्त्री मार्केट से गांधी प्रतिमा धूमकर रेलवे स्टेशन की ओर
  • शास्त्री ब्रिज से टर्न होकर रीगल टॉकीज वाली गली की ओर।

ब्रिज पर चिंतन और मंथन की जरूरत

शहरवासियों के दिलों में जैसे राजबाड़ा बसा हुआ है वैसे ही शास्त्री ब्रिज भी सबका चहेता है। ब्रिज की लाइफ बढ़ाने के लिए अब चिंतन और मंथन करने की आवश्यकता है। सांसद, विधायक, महापौर, संभागायुक्त , कलेक्टर, निगम कमिश्नर, आईडीए, पीडब्ल्यूडी, निगम, एमपीआरडीसी के अफसर , वरिष्ठ इंजीनियर और विशेषज्ञों को एक साथ बैठकर ब्रिज के भविष्य के बारे में चर्चा का प्लानिंग तैयार करना चाहिए।

पूर्व आईडीए चेअरमैन लालवानी करवा चुके हैं सर्वे

शास्त्री ब्रिज को चौड़ा करने की कवाायद पिछले कुछ सालों से चल रही है। सांसद शंकर लालवानी जब आईडीए के अध्यक्ष थे तब उन्होंने शास्त्री ब्रिज को चौड़ा करने के लिए फिजिकल सर्वे करवाया था। उस समय फिजिकल सर्वे रिपोर्ट तैयार होकर बोर्ड बैठक में रखी गई थी। तब सांसद लालवानी ने कहा था कि नगर निगम, प्रशासन व अन्य विभागों के अफसरो व इंजीनियरों से चर्चा कर जल्द ही आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके बाद शास्त्री ब्रिज को लेकर अफसरों, नेताओं, और जनप्रतिनिधियों के बीच को कोई चर्चा नहीं हुई और मामला खटाई में चला गया।

ब्रिज के ऊपर एलिवेटेड बनाने में कोई परेशानी नहीं

वैसे तो शास्त्री ब्रिज को चौड़ा करने की बहुत आवश्यकता है। जब तक ब्रिज पर कोई नया एक्शन नहीं होगा तब तक ब्रिज पर दबाव बना रहेगा। दबाव को कम करने के लिए कुछ न कुछ तो कदम उठाने ही पड़ेगे। अगर ब्रिज को चौड़ा नहीं किया जाए तो इसका दूसरा विकल्प एलिवेटेड है। शास्त्री ब्रिज ऊपर समानांतर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जा सकता है। एलिवेटेड कॉरिडोर बनने से दो फायदे होंगे, एक तो ब्रिज को चौड़ा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और दूसरा वाहनों का दबाव भी काम हो जाएगा। एलिवेटेड बनाने में कोई ज्यादा परेशानी नहीं होगी। जैसे –
ठ्ठ शास्त्री ब्रिज के ऊपर से न तो हाइटेंशन लाइन गुजर रही है और न ही कोई अन्य बड़ी लाइन गुजर रही है।
ठ्ठ ब्रिज के दोनों तरफ हाईराइज बिल्डिंग, शो रुम , बहुमंजिला इमारतें, मॉल कुछ भी नहीं है।