शेख हसीना : वरिष्ठ पत्रकार और लेखक मानष घोष ने कहा कि अवामी लीग को बांग्लादेश से हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना फिर सत्ता में लौट सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने काम करने के तरीके बदलने होंगे। यह बात उन्होंने अपनी नई किताब ‘मुजीब की गलतियां’ के विमोचन पर कही। घोष ने बताया कि इस किताब में उन्होंने मुजीब को एक सामान्य इंसान की तरह दिखाया है। उन्होंने कहा कि आज की हालत देखकर लगता है इतिहास दोहराया जा रहा है।
प्रदर्शनों के दबाव में सरकार का पतन
2024 में बांग्लादेश में बड़ी संख्या में छात्र और लोग सड़कों पर उतर आए। वे सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली को बदलने की माँग कर रहे थे। यह आंदोलन ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ नाम के समूह ने शुरू किया। विरोध बहुत बड़ा और हिंसक हो गया। सरकार की कार्रवाई से हालात और बिगड़ गए। आखिरकार, 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत चली गईं। अब देश की व्यवस्था Nobel विजेता मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार देख रही है
निष्पक्ष चुनाव से अवामी लीग को मिल सकती है दोबारा सत्ता
लेखक मानष घोष से जब पूछा गया कि क्या शेख हसीना और अवामी लीग वापसी कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि अवामी लीग को खत्म नहीं किया जा सकता। हसीना पहले भी मुश्किल समय से बाहर निकली हैं और लोग फिर से उन्हें बुला सकते हैं। उनका मानना है कि अगर आज निष्पक्ष चुनाव हों, तो अवामी लीग फिर से जीत सकती है। यहां तक कि वे लोग भी हसीना का साथ दे सकते हैं, जिनसे पहले उनका विवाद था।
शेख हसीना पर मुकदमा 3 अगस्त से, बड़ी सुनवाई की तैयारी
मई में मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी, जिसमें इंटरनेट पर होने वाली चीजें भी शामिल हैं। यह कदम आतंकवाद-रोधी कानून के तहत उठाया गया। इसके बाद 10 जुलाई को बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया। यह मामला पिछले साल के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है। अब इस केस की सुनवाई 3 अगस्त से शुरू होगी।