मध्यप्रदेश में शिव मामा की ना सुनने वाले अधिकारियों को चेतावनी मिल गई है, कि यदि वह फर्जी खाद्य कंपनियों पर जल्द कार्रवाई नहीं करेगे तो केन्द्रिय जांच दल भेज कर कार्रवाई कराई जाएंगी। इसके बाद विदिशा जिले में हड़कंप मच गया। दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मनरेगा कार्यों में मशीनों के उपयोग और अनियमितताओं को लेकर चेतावनी दी कि यदि केंद्र से जांच दल आया तो सभी लापरवाही करने वालें अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
केन्द्रिय मंत्री और कैबिनेट मंत्री की ही नहीं सुन रहे अधिकारी
प्रदेश में यदि अधिकारी केन्द्रिय मंत्री और कैबिनेट मंत्री की भी नहीं सुन रहे है तो प्रदेश में आम जनता की स्थिति कितनी भयावह होगी। यह प्रदेश में अफसरशाही की स्थिति बयां कर रही है। वर्तमान में अधिकारी बिना सीएम के आदेश के कोई काम नहीं कर रहे है। इससे इस बात का तो अनुमान लगाया हि जा सकता है कि प्रदेश के अधिकारी बस सीएम के ही सुन रहे है। विगत दिनों मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने वन विभाग के अधिकारियों के कार्य का जिक्र करते हुए सीएम मोहन से पौधे दिलाने की बात मंच से कही थी तो यहीं दुसरे दिन पूर्व सीएम और केन्द्रिय मंत्री शिवराज सिंह चौहान यह कहते है कि केन्द्र से जांच दल भेज कर कार्रवाई कराउंगा। यह प्रदेश के सुशासन पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाता है।
अमृत सरोवरों का होगा भौतिक सत्यापन
केन्द्रिय मंत्री शिवराज सिह चौहान ने 121 अमृत सरोवरों का भौतिक सत्यापन कराने और आवास योजना में धीमी प्रगति पर भी नाराजगी जताई। इसके साथ ही अमानक खाद और कीटनाशक मामले में कंपनियों पर भी कार्रवाई करने को कहा। बता दें कि जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री और सांसद शिवराज सिंह चौहान अधिकारियों पर जमकर बरसे। मनरेगा कार्यों में मशीनों के उपयोग और योजना में अनियमितताओं को लेकर उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि केंद्र से जांच दल आया, तो सभी नप जाएंगे।
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि जिले में मनरेगा के तहत मशीनों से काम कराया जा रहा है। विधायक उमाकांत शर्मा और जिला पंचायत के कृषि समिति अध्यक्ष धनराज दांगी ने कहा कि मजदूरी दर इतनी कम है कि मजदूर काम ही नहीं करना चाहते। इस पर चौहान ने स्पष्ट किया कि मनरेगा कानून के अनुसार 60 प्रतिशत राशि मजदूरी पर खर्च होनी चाहिए।
कीटनाशक कंपनियों पर भी हो कार्रवाई
शिव मामा ने अमानक खाद और कीटनाशक मामले में सिर्फ दुकानदारों पर ही कार्रवाई को नाकाफी बताया है। उन्होने कहा कि उत्पादक कंपनियों पर कार्रवाई की जाए। यदि कंपनियों से अमानक खाद बनेगा ही नही तो बाजार में बिकने कहां से आएंगा। इसलिए इस तरह का अमानक खाद बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की जाएं।