Shivpuri News : मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। कलेक्ट्रेट कार्यालय में पदस्थ एडीएम (अतिरिक्त कलेक्टर) के स्टेनो मोनू शर्मा को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
यह कार्रवाई ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने की है। आरोपी कर्मचारी ने एक किसान की जमीन संबंधी फाइल को आगे बढ़ाने और नाम दुरुस्त करने के लिए रिश्वत की मांग की थी।
जानकारी के मुताबिक, फरियादी ध्यानेन्द्र सिंह पडरया, जो कोलारस तहसील के श्रीपुर चक्क के निवासी हैं, काफी समय से अपनी जमीन के कागजों में सुधार के लिए परेशान हो रहे थे। उनकी करीब 50 बीघा जमीन के रिकॉर्ड में उनके पिता मोहन सिंह के स्थान पर गलती से किसी ‘ज्ञान सिंह’ का नाम दर्ज हो गया था। इसी गलती को सुधारने के लिए राजस्व विभाग में एक प्रकरण चल रहा था।
20 हजार रुपये की थी डिमांड
जमीन दुरुस्ती का यह मामला कोलारस तहसील से स्थानांतरित होकर शिवपुरी आया था। यहां एडीएम कार्यालय में पदस्थ स्टेनो मोनू शर्मा ने फाइल में सत्यापन और प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के नाम पर ध्यानेन्द्र सिंह से 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। फरियादी ध्यानेन्द्र ने बताया कि वह मजबूरी में पहले ही 5,000 रुपये दे चुके थे। इसके बाद आरोपी ने और पैसों का दबाव बनाया।
रिकॉर्डिंग से खुला राज
रिश्वतखोरी से परेशान होकर ध्यानेन्द्र सिंह ने 9 दिसंबर को ग्वालियर लोकायुक्त एसपी के पास शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के सत्यापन के दौरान 10 दिसंबर को उन्होंने मोनू शर्मा को 10,000 रुपये और दिए। फरियादी ने समझदारी दिखाते हुए इस लेनदेन की बातचीत और पैसे देने की घटना को रिकॉर्ड कर लिया। इसी रिकॉर्डिंग को आधार बनाते हुए लोकायुक्त पुलिस ने जाल बिछाया।
रंगे हाथों ऐसे हुई गिरफ्तारी
तय योजना के मुताबिक, रिश्वत की बाकी बची हुई रकम यानी 5,000 रुपये देने के लिए ध्यानेन्द्र आज एडीएम ऑफिस पहुंचे। उन्होंने जैसे ही मोनू शर्मा को 500-500 रुपये के 10 नोट थमाए और इशारा किया, बाहर मौजूद लोकायुक्त की टीम ने दबिश दे दी। पुलिस ने मोनू शर्मा को रंगे हाथों पकड़ लिया।
जब उनके हाथ धुलाए गए, तो वे गुलाबी हो गए, जिससे रिश्वत लेने की पुष्टि हो गई। फिलहाल लोकायुक्त पुलिस मौके पर ही कागजी कार्रवाई पूरी कर रही है।
प्रशासनिक कार्यालयों में इस तरह की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। लोकायुक्त पुलिस अब आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच कर रही है।