शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में भाजपा के सबसे कद्दावर नेता के नाम से जानें जाते है। वहीं वह मध्य प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला है। साथ ही लोकसभा चुनाव हाल ही में संपन्न हुआ है और विदिशा से छठवीं बार सांसद चुने गए शिवराज सिंह चौहान लगातार अपने जबरदस्त कार्यों के लिए जानें जाते है। वह चार बार मप्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आइए उनके व्यक्तिगत जीवन से लेकर राजनीतिक सफर पर डालते हैं एक नजर –
शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से होती है। 1988 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. 1990 में पहली बार बीजेपी ने चौहान को बुधनी से विधानसभा चुनाव में खड़ा किया। चौहान ने पूरे इलाक़े की पदयात्रा की थी और पहला ही चुनाव जीतने में सफल रहे, तब चौहान की उम्र महज 31 साल थी। 1991 में 10वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव हुए। अटल बिहारी वाजपेयी इस चुनाव में दो जगह से खड़े थे। एक उत्तर प्रदेश के लखनऊ और दूसरा मध्य प्रदेश के विदिशा से।
जानकारी के लिए बता दें शिवराज सिंह चौहान का नर्मदा नदी से गहरा लगाव है, बचपन में वह खासा वक्त तैराकी में बिताते थे। कई मौकों पर वह नर्मदा नदी के प्रति अपने प्रेम का वर्णन कर चुके हैं। शिवराज सिंह चौहान ने किशोरावस्था में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का दामन थाम लिया था। अपनी आकर्षक भाषण शैली और तेजतर्रार स्वभाव के कारण वह 16 वर्ष की उम्र में माडल हायर सेकेंडरी स्कूल छात्र संघ के अध्यक्ष बन गए थे।
शिवराज सिंह पहली बार साल 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। पत्नी साधना सिंह से उनकी मुलाकात महाराष्ट्र में हुई थी। साधना महाराष्ट्रियन राजपूत हैं और उन दिनों वह प्रमोद महाजन के सचिव के रूप में काम करती थीं।