Bhopal News : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद पहली बार खुलकर अपने मन की बात कही है। रविवार को भोपाल के रवींद्र भवन में किरार समाज के दीपावली मिलन समारोह में उन्होंने कहा कि 2023 विधानसभा चुनाव के बाद की परिस्थितियां उनके जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा थीं।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बंपर बहुमत के बाद जब मुख्यमंत्री के लिए डॉ. मोहन यादव का नाम तय हुआ तो उनके माथे पर एक भी शिकन नहीं आई। उन्होंने इसे अपनी परीक्षा की घड़ी बताया और कहा कि उन्होंने खुद मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा था।
‘यह तेरी परीक्षा की घड़ी है शिवराज’
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने उस दौर को याद किया जब मुख्यमंत्री बदलने का फैसला हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “बंपर बहुमत मिला था। सबको लगा था कि अब सब कुछ स्वाभाविक है, लेकिन जब तय हुआ कि मुख्यमंत्री मोहन जी होंगे, मेरे माथे पर बल नहीं पड़ा। अलग-अलग रिएक्शन हो सकते थे। गुस्सा भी आ सकता था कि मैंने इतनी मेहनत की, लोगों ने किसे वोट दिया? लेकिन दिल ने कहा- शिवराज, ये तेरी परीक्षा की घड़ी है। माथे पर शिकन मत आने देना। आज तू कसौटी पर कसा जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “और मैंने मोहन जी का नाम प्रस्तावित किया। यही परीक्षा होती है। उसके बाद मुझे प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दिल्ली में काम करने का मौका मिला।”
बेटियों के लिए लौटाया चांदी का मुकुट
समारोह के दौरान किरार समाज के लोगों ने शिवराज सिंह चौहान को चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया। शिवराज ने मंच से ही वह मुकुट लौटाते हुए कहा कि यह उनके प्रेम की अमूल्य निधि है, लेकिन उनकी इच्छा है कि इस चांदी से गरीब बेटियों के विवाह के लिए ‘बिछौड़ी’ बनवाई जाए।
उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि यह बिछौड़ी बेटियों के पैरों में पहनाई जाए, ताकि ‘मामा’ का सिर हमेशा बेटियों के चरणों में झुका रहे।”
पत्नी साधना सिंह के सेवा कार्यों का जिक्र
शिवराज ने अपनी पत्नी और किरार समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना सिंह चौहान के कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने कोविड के भयानक दौर को याद करते हुए कहा कि साधना ने अपनी परवाह किए बिना लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन और बेड दिलाने में मदद की।
उन्होंने यह भी बताया कि साधना सिंह ने समाज के युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग शुरू की, जिससे भुवनेश खड़े जैसे युवा डिप्टी कलेक्टर बने। शिवराज ने कहा, “समाज की इच्छा थी कि राजधानी में अपना भवन हो। साधना और उनकी टीम ने निश्चय किया कि सरकार के सामने झोली नहीं फैलाएंगे। समाज ने खुद जमीन खरीदी और अब भवन लगभग पूरा होने वाला है।”
‘समाज को संसद-विधानसभा तक पहुंचाया’
इस मौके पर साधना सिंह चौहान ने कहा कि शिवराज सिंह ने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनाया। उन्होंने कहा, “आपने अपने साथ-साथ किरार समाज के दो प्रतिनिधियों, दर्शन सिंह और रोडमल नागर को संसद तक पहुंचाया है। इसी तरह, मनोज पटेल और नरेंद्र पटेल को विधानसभा में प्रतिनिधित्व दिलाया, जो आज मंत्री भी हैं।”
कार्यक्रम में नर्मदापुरम सांसद चौधरी दर्शन सिंह सहित किरार समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद थे।