Rohit Sharma: आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर भले ही फाइनल में हार गए हों, लेकिन भारतीय क्रिकेट के गलियारों में उनकी साख नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स के बीच फाइनल से पहले, भारतीय क्रिकेट के एक बड़े अधिकारी ने अय्यर के भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया।
अधिकारी ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, “अभी श्रेयस सिर्फ वनडे खेल रहे हैं, लेकिन इस आईपीएल के बाद उन्हें टी20 अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट क्रिकेट से बाहर नहीं रखा जा सकता। इसके अलावा, वह अब आधिकारिक रूप से व्हाइट-बॉल क्रिकेट की कप्तानी की रेस में शामिल हो गए हैं।” अधिकारी के इस बयान ने साफ कर दिया है कि वनडे टीम के कप्तान Rohit Sharma की कप्तानी खतरे में है।
कठिन दौर से शानदार वापसी
कुछ समय पहले तक अय्यर का करियर संकट में था। 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को आईपीएल खिताब जिताने के बावजूद, उन्हें फ्रेंचाइजी ने रिलीज कर दिया था। इसके अलावा, उनका सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया, और वह टेस्ट व टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम से बाहर थे। फिटनेस, फॉर्म और स्वभाव को लेकर सवालों ने उन्हें हाशिए पर ला दिया था। लेकिन अय्यर ने हार नहीं मानी। उन्होंने मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में टीम की कप्तानी भी की।
‘सरपंच साहब’ का जलवा
पंजाब किंग्स, जो हमेशा से अपनी अपूर्ण क्षमता के लिए जानी जाती थी, ने अय्यर को कप्तान बनाया। अय्यर ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अपनी बल्लेबाजी के साथ-साथ नेतृत्व में भी कमाल दिखाया। उन्होंने न केवल अपनी फॉर्म हासिल की, बल्कि खिलाड़ियों और फैंस के साथ गहरा भावनात्मक रिश्ता भी बनाया। फैंस ने उन्हें ‘सरपंच साहब’ का खिताब दिया, जो उनके शांत लेकिन दमदार नेतृत्व को दर्शाता है।
एलिमिनेटर में बुमराह पर हावी
अय्यर का सबसे यादगार पल मुंबई इंडियंस के खिलाफ एलिमिनेटर मुकाबले में आया। 204 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए, जब जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी ने पंजाब की पारी को झकझोर दिया था, तब अय्यर ने शानदार संयम के साथ आक्रामकता दिखाई। उन्होंने बुमराह की गेंदों पर बड़े शॉट्स लगाए और 41 गेंदों में नाबाद 87 रन बनाकर पंजाब को एक ओवर शेष रहते जीत दिलाई। इस पारी ने उनकी बल्लेबाजी और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता को साबित किया।
हालांकि पंजाब किंग्स फाइनल में हार गया, लेकिन अय्यर का रुतबा और बढ़ गया। शशांक सिंह के एक महत्वपूर्ण रन-आउट के बाद उनकी ठंडी नजर ने दिखाया कि वह अपने खिलाड़ियों से और बेहतर की उम्मीद रखते हैं। भले ही अय्यर इस साल आईपीएल ट्रॉफी न उठा सके, लेकिन उन्होंने भारतीय क्रिकेट को उनके नेतृत्व और प्रतिभा पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया।