स्वतंत्र समय, इंदौर
श्री गुरुसिंघ सभा ( Shri Gurusingh Sabha ) चुनाव इंदौर को लेकर अब एक नया आदेश आया है। फम्र्स एंड सोसायटी असिस्टेंट रजिस्ट्रार बीडी कुबेर ने आदेश दिए हैं कि मतदाता सूची (11687 सदस्य) को लेकर आ रही शिकायतों को देखते हुए इन पर दोबारा आपत्तियां बुलाकर इसमें सुधार करें और इसके बाद चुनाव प्रक्रिया को किया जाए।
Shri Gurusingh Sabha चुनाव के क्या फिर से होंगे नामांकन
अब फर्म्स एंड सोसायटी के दखल से यह असमंजस हो गया है कि श्री गुरुसिंघ सभा ( Shri Gurusingh Sabha ) चुनाव इंदौर को लेकर क्या पूरी चुनाव प्रक्रिया फिर से होगी? इसमें नामांकन फार्म भरवाना, स्कू्रटनी करना, नाम वापसी करना और फिर वोटिंग करना जैसी प्रक्रिया शामिल है। पूर्व में वोटिंग को छोडक़र सभी प्रक्रिया हो चुकी थी और इस मामले में हाईकोर्ट तक ने चुनाव प्रक्रिया रोक की मांग को खारिज कर दिया।
यह बोले असिस्टेंट रजिस्ट्रार
चुनाव प्रक्रिया फिर से होने पर बीडी कुबेर ने कहा कि हमने केवल मतदाता सूची को लेकर ही बोला है। मुख्य चुनाव अधिकारी को इस मतदाता सूची में सुधार के बाद नई मतदाता सूची से चुनाव कराने के लिए कहा है। चुनाव प्रक्रिया फिर से करना है या नहीं, यह मुख्य चुनाव अधिकारी तय करेंगे, इसे लेकर हमने कोई निर्देश नहीं दिए हैं। हमारे निर्देश केवल मतदाता सूची को लेकर है, क्योंकि इसे लेकर लगातार कलेक्टर के पास शिकायतें आ रही थी।
दिवाली बाद ही हो सकेंगे चुनाव
कुबेर ने साफ कहा कि कलेक्टर ने साफ कर दिया है कि दिवाली तक लॉ एंड आर्डर को देखते हुए चुनाव के लिए अभी मंजूरी नहीं दी जाएगी। यानी साफ है कि चुनाव दीवाली बाद ही होंगे। हालांकि इस दौरान मतदाता सूची को लेकर दावे-आपत्ति बुलाकर यह काम पूरा किया जा सकता है। लेकिन यह भी तय है कि इस मतदाता सूची को लेकर चुनाव रुकवाने के लिए एक बार फिर एक धड़ा या तो हाईकोर्ट या फिर फर्म्स एंड सोसायटी जाएगा ही।
दो बार पहले भी लग चुकी आपत्तियां
इस चुनाव में अमृतधारी सिख को लेकर भारी विवाद हो चुका है। समाज में 12 साल से प्रधान पद पर काबिज टिंकू भाटिया व अन्य द्वारा दो बार आपत्तियां लगाई गई। इसमें मुख्य रूप से मोनू भाटिया और बंटी भाटिया को अमृतधारी सिख मन की बात कहते हुए नामांकन खारिज करने की मांग थी। इसके लिए दोनों का गुरुमुखी टेस्ट भी कराने की तैयारी हो गई थी लेकिन विवाद हो गया और इस दौरान पुलिस को भी गुरुघर में आना पड़ा। हालांकि, फिर आपत्तियां खारिज हुई और मामला फिर हाईकोर्ट गया, लेकिन इसी दौरान बार-बार कोर्ट केस के चलते मुख्य चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह बक्शी (सूदन) ने वोटिंग के एक दिन पहले ही 6 अक्टूबर को होने वाली वोटिंग प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। उधर रिंकू भाटिया लगातार कलेक्टर को इस मामले में दखल के लिए मिल रहे थे। आखिर में फम्र्स एंड सोसायटी को मामला भेजा गया और वहां से यह आदेश हुए।