sickle cell एनेमिया… Governor की प्राइटी, फिर भी नहीं मिला 24 करोड़

स्वतंत्र समय, भोपाल

राज्यपाल ( Governor ) मंगूभाई पटेल मप्र के आदिवासी क्षेत्रों में सिकलसेल ( sickle cell ) एनेमिया को लेकर प्रदेश में काफी काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने राजभवन में एक सेल भी गठित किया है और वे लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार से मप्र को सिकलसेल के लिए 24 करोड़ रुपए की राशि नहीं मिल सकी। मप्र ने इस बीमारी को समाप्त करने के लिए बीते साल 16 करोड़ रुपए खर्च किए। लेकिन केंद्र से स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मिलने वाले फंड का 864 करोड़ रुपए रोक लिया है।

sickle cell के लिए केंद्र से फंड लाने में विफल रहे अफसर

मप्र सरकार ने प्रदेश में हेल्थ सुविधाओं का विस्तार, अधोसंरचना निर्माण, खाद्य पदार्थों में मिलावट की रोकथाम के लिए प्रयोगशाला का निर्माण, ड्रग्स रेगुलेटरी सिस्टम का सुदृढ़ीकरण, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, बहुउद्देशीय कार्यकर्ता योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनआरएचएम, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन तथा उप स्वास्थ्य केंद्र निर्माण के लिए 5 हजार 920 करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया था। इसमें से राज्य सरकार द्वारा 2300 करोड़ की राशि खर्च की गई है, जबकि केंद्र सरकार से 3,614 करोड़ रुपए मिलना थे। इसके एवज में केंद्र ने मप्र को 2750 करोड़ रुपए ही जारी किए। यानि 864 करोड़ रुपए की राशि केंद्र ने उपयोगिकता प्रमाण पत्र नहीं मिलने के वजह से जारी नहीं की। वैसे मप्र सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में एसीएस, प्रमुख सचिव, आयुक्त और स्वास्थ्य संचालक सहित आधा दर्जन से ज्यादा आईएएस अफसरों की भरमार कर रखी है, लेकिन इसके बावजूद अफसर केंद्र से फंड लाने में विफल रहे हैं।

किस योजना में केंद्र से कितनी राशि मिली

विजीटर्स टे्रनिंग 19.38 00.00
उप स्वास्थ्य केंद्र 567.81 00.00
सिकलसेल एनेमिया 24.00 00.00
जिला स्तरीय अमला 66.68 00.00
जन आरोग्य योजना 280.00 00.00
बहुउद्देशीय कार्यकर्ता 34.88 00.00
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 2397.45 00.00
अधोसंरचना विकास 00.00 489.75
आयुष्मान भारत 210.25 00.00
फैमिली वेलफेयर 00.00 2234.46
वेलफेयर अन्य 00.00 26.00
(राशि करोड़ रुपए में)

राज्यपाल के मिशन को झटका

प्रदेश में प्रारंभ किए गए सिकलसेल ( sickle cell ) एनेमिया से पीडि़त आदिवासियों में फेलने वाली इस बीमारी के इलाज के लिए अभियान को झटका लगा है। खासकर पीडि़तों का इलाज कराने 2023-24 के लिए करीब 40 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे, जिसमें से राज्य ने अपने बजट से करीब 16 करोड़ रुपए खर्च किए है, लेकिन केंद्र से इसके लिए 24 करोड़ रुपए नहीं मिल सके। इस संबंध में एसीएस हेल्थ मोहम्मद सुलेमान से चर्चा करनी चाही, तो कई बार फोन लगाने पर उनका फोन व्यस्त मिला।