इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के मामले में बहुत जल्दी एक बड़ा बदलाव होने वाला है। संभावना जताई जा रही है कि बंगाली चौराहे से लेकर एयरपोर्ट तक मेट्रो रेल को अंडरग्राउंड चलाई जाएगी । अंडरग्राउंड मेट्रो चलाने के लिए लगभग 10 से 12 किलो मीटर का ट्रेक बनाना पड़ेगा, जो एक मुश्किलभरा काम है।
अगर यह निर्णय हो जाता है तो प्रोजेक्ट की लागत 800 से लेकर 1000 करोड रुपए तक बढ़ जाएगी। हालांकि इस मामले में अभी अधिकृत रूप से ठोस जानकारी सामने नहीं आई है.। पिछले दिनों इंदौर में हुई मेट्रो की बैठक के बाद सरकार स्तर पर मेट्रो कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी से लेकर मंत्री तक के बीच इस बात पर गहन चिंतन चल रहा है कि शहर के मध्य क्षेत्र एमजी रोड पर मेट्रो को कैसे ले जाया जाए।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंत्री और अधिकारियों के बीच जो चर्चा चल रही है उसमें यह बात सामने निकल कर आ रही है कि मेट्रो ट्रेन को बंगाली चौराहे से एयरपोर्ट तक अंडरग्राउंड चलाएं जाने की योजना बन रही है । सरकार के निर्देश पर कंपनी के अधिकारी मध्य क्षेत्र में फिर से फीजिबिलिटी सर्वे करने की तैयारी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही मध्य क्षेत्र में मेट्रो ले जाने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। बताया गया है की अगर बंगाली चौराहे से एयरपोर्ट तक मेट्रो को अंडरग्राउंड चलाया गया तो रोबोट चौराहे से हाईकोर्ट तक के 4 किलोमीटर लम्बे मेट्रो एलिवेटेड कॉरिडोर का क्या होगा बनेगा या नहीं। इस पर भी फैसला लिया जाएगा। हालांकि रोबोट से लेकर हाईकोर्ट तक एलिवेटेड के लिए मेट्रो कंपनी टेंडर प्रक्रिया के तहत दो कंपनियों को ठेका दे चुकी है। यह दोनों कंपनियां ज्वाइंट वेंचर के रूप में काम कर रही है। फिलहाल अभी ये सारा मामला होल्ड पर आ गया है, क्योंकि जब तक मध्य क्षेत्र के मेट्रो ट्रैक का फैसला नहीं होता तब तक यह काम होल्ड पर ही रहेंगे। अगर बंगाली चौराहे से लेकर एयरपोर्ट तक मेट्रो अंडरग्राउंड चलाई जाती है तो केंद्र प्रोजेक्ट की राशि में 800 से 1000 करोड रुपए का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा.।