स्वतंत्र समय, ईटानगर/गंगटोक
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभा चुनावों ( assembly elections ) का नतीजा रविवार को आया। सिक्किम में सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) 32 में से 31 सीट जीतकर फिर से सरकार बनाने जा रहा है। विपक्षी दल सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) को एक सीट मिली है। 25 साल (1994-2019) सीएम रहे पवन कुमार चामलिंग ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और वे दोनों से हार गए।
assembly elections भाजपा को 46 सीट पर जीत मिली
दोनों राज्यों में 19 अप्रैल को ( assembly elections ) एक चरण में वोटिंग हुई थी। उधर, अरुणाचल प्रदेश में भाजपा फिर से सरकार बना रही है। भाजपा को 60 में से 46 सीट पर जीत मिली हैं। पार्टी ने पहले ही 10 सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज की थी। अरुणाचल में भाजपा का नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ गठबंधन है। एनपीपी को 5 सीटें मिली हैं। इस लिहाज से अरुणाचल में एनडीए के पास 51 सीटें हैं। अरुणाचल में भाजपा ने सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि कांग्रेस ने केवल 19 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारे थे।
कांग्रेस 12 सीटों पर लड़ी
वहीं, सिक्किम में एसकेएम और एसडीएफ ने 32-32, वहीं 31 उम्मीदवार उतारे थे। कांग्रेस ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था। सिटिजन एक्शन पार्टी-सिक्किम ने 30 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे। 2019 के आम चुनावों के बाद भाजपा के साथ गठबंधन हुआ था, लेकिन इस बार चुनावों से पहले भाजपा ने सिक्किम में अकेले चुनाव लडऩे का ऐलान करके गठबंधन तोड़ दिया था। 2019 में अरुणाचल में भाजपा ने 41 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। वहीं, सिक्किम में एसकेएम 32 में से 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
एक्सपर्ट ने बताई भाजपा की जीत की वजह
अरुणाचल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर नानी बाथ ने कहा-अरुणाचल में कोई भी विपक्ष में नहीं रहना चाहता है। सत्ता में भाजपा है, और जब तक केंद्र में भाजपा की सरकार रहेगी, तब तक राज्य में भी भाजपा की सरकार बनी रहेगी। लोगों ने कांग्रेस को वोट इसलिए नहीं दिया, क्योंकि कांग्रेस विपक्ष में है। लोगों का मानना है कि विपक्ष में रहने वाले उम्मीदवार को वोट देकर कोई फायदा नहीं है।