स्वतंत्र समय, भोपाल
मप्र सरकार के लिए सिंहस्थ ( Simhastha ) 2028 महंगा सौदा साबित होगा। सरकार सिंहस्थ की तैयारियों पर 15 हजार 567 करोड़ रुपए खर्च करेगी। साथ ही पीपीपी मोड पर भी काम कराए जाएंगे। इंदौर-उज्जैन फोरलेन के स्थान पर सिक्स लेन बनाने पर 1692 करोड़ और ग्रीनफील्ड फोरलेन बनाने पर 950 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। क्षिप्रा नदी में 29 किमी घाटों के निर्माण पर 779 करोड़ और 30 किमी कान्ह नदी के डायवर्सन पर1024 करोड़ का भार सरकार पर आएगा।
Simhastha से जुड़े 19 कामों को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई मंत्रिमंडल समिति की बैठक में सिंहस्थ ( Simhastha ) से जुड़े 568 कामों में से 5,881 करोड़ के 19 कार्यों को मंजूरी दी गई है। इनमें सडक़ निर्माण से जुडेÞ कार्यों में खाकचौक-वीर सावरकर चौराहा, गढकालिका-भर्तहरीगुफा से रंजीत हनुमान तक निर्माण, शिप्रा नदी पर पुल। मंगलनाथ एवं दत्तअखाड़ा क्षेत्र को जोडऩे के लिए वीर दुर्गादास की छत्री होते हुए गोन्सा चौराहा तक शिप्रा नदी पर पुल निर्माण, ओंकारेश्वर में पीडब्ल्यूडी द्वारा एक पुल का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि संस्कृति विभाग पैदल पुल बनवाएगा। उज्जैन मास्टर प्लान के अनुरूप मुख्य सडक़ों का चौड़ीकरण एवं निर्माण कार्य विशेष केंद्रीय सहायता मद में प्राथमिकता से कराया जाएगा।
सिंहस्थ के इन बड़े कामों को मिली मंजूरी…
तीन साल में होंगे काम खर्च होगा क्षिप्रा में घाट निर्माण 778.91
कान्ह नदी डायर्वसन 1024.95
क्षिप्रा में निरतंर जल प्रवाह 614.53
क्षिप्रा नदी पर 14 बैराज 74.67
कान्ह नदी पर 11 बैराज 43.51
उज्जैन शहर में सीवरेज 198.00
शहर में बिजली के नए काम 320.00
ओंकारेश्वर कावेरी नदी पुल 40.00
इंदौर-उज्जैन हाईब्रिड 6 लेन 1692.00
इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड 4 लेन 950.00
महाकाल लोक पाषाण प्रतिमा 75.00
काल गणना शोध केंद्र 25.00
भूमिगत केबल कार्य 10.08
राशि करोड़ रुपए में
19 किमी बनेगा सिंहस्थ बायपास
इंदौर-उज्जैन मार्ग से प्रारंभ होकर बडऩगर एवं जावरा मार्ग को जोड़ते हुए उज्जैन झालावाड़ मार्ग पर समाप्त होने वाले प्रस्तावित सिंहस्थ बायपास का निर्माण 19 किमी फोरलेन में कराया जाएगा। साथ ही एनएचएआई द्वारा संधारित इंदौर-खंडवा नेशनल हाइवे पर बड़वाह एवं सनावद में बायपास निर्माण कार्य को शामिल करने परीक्षण कराया जा रहा है। सिंहस्थ 2028 की दृष्टि से नगरीय सीमा के अतिरिक्त उज्जैन निवेश क्षेत्र एवं सिंहस्थ क्षेत्र में भी सीवरेज तथा पेयजल की योजना पर्याप्त क्षमता के साथ तैयार की जाएगी। तीन साल की अवधि में कराए जाने वाले कार्यों का परीक्षण मुख्य सचिव अनुराग जैन की समिति ने किया है, इसके बाद ही मंजूरी दी गई है।