Small Business Idea: आज के बढ़ती महंगाई और बेतहाशा बेरोजगारी के इस दौर में नौकरी के माध्यम से अपना जीवन यापन करना ही बेहद कठिन हो रहा है, तो फिर अपने सपनों को पूरा करने की तो गुंजाइश ही बाकी नहीं बचती है. महीना ख़त्म होने से कहीं पहले ही नौकरी से मिली हुई सैलेरी साथ छोड़कर जा चुकी होती है, जिसकी वजह से महीने के आखिरी दिनों में अच्छी खासी दिक्क्तों का सामना सभी वेतन भोगियों को करना पढ़ता है.
यह समस्या मुख्यतः प्रायवेट सेक्टर के छोटे और मध्यम वर्ग के कर्मचारियों को सर्वाधिक फेस करना पड़ती है, जबकि प्रायवेट सेक्टर्स के शीर्ष अधिकारी और सरकारी नौकरी के लगभग सभी वर्ग के कर्मचारी इन समस्याओं से सबसे कम दुष्प्रभावित होते हैं. आज के दौर में अपनी जरूरतों के साथ ही अपने सपनों को भी पूरा करना है तो व्यापार से बेहतर कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें जोखिम तो होता है, मगर प्रॉफिट की सर्वाधिक संभावना भी इसी क्षेत्र में पाई जाती है. आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे बिजनेस आइडिया की जिसमें आप कम पूंजी में बड़ी कमाई करके अपनी जरूरतों के साथ ही अपने सपनो को भी पूरा कर सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में…
बता दें कि हम जिस बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं, इसमें आपको सरकार की तरफ से 50 परसेंट की सब्सिडी मिल जाती है। दरअसल हम बात कर रहे हैं पर्ल फार्मिंग (Pearl Farming) मोतियों के बिजनेस की जिसमें आप 1 एकड़ में सालाना 30 लाख रुपए तक कमा सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 1 एकड़ जमीन में 25,000 सीपियां डाली जा सकती है।
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हालांकि पूरी सीपियां सही नहीं रहती है। इसमें कुछ खराब भी हो जाती है, लेकिन यदि आपकी सीपियां 50 परसेंट भी सही निकल जाती है, तो यह आपको अच्छा प्रॉफिट दे जाती है। बता दें कि सीपियां में से निकलने वाले मोती की कीमत 120 से 200 के बीच में होती है और यदि आप इस पर सालाना आंकड़ा बनाएंगे तो यहां लाखों में पहुंच जाता है।
अब बात की जाए शिव को तैयार करने की तो इसमें एक को तैयार करने के लिए 25 से ₹35 के बीच का खर्चा आता है। इतना ही नहीं एक जीप में 2 मोती से लेकर और भी ज्यादा निकल सकती हैं। मोतियों (Pearl) की कीमत उसकी क्वालिटी के ऊपर डिपेंड करती है, यदि ममोती चमकीला और बड़ा है तो इसकी कीमत 200 रुपए तक भी मिल सकती है यदि छोटा और कम चमकीला है तो 100 से 120 मिल जाती हैं।
अब बात की जाए मोतियों की खेती के बारे में दो इसमें एक तालाब में 20 से 25 दिन तक के लिए सीप को डूबा कर रखा जाता है, ताकि सीप के अंदर का एनवायरमेंट पूरी तरह से पैदा हो जाए। इसके लिए एक जाल में सीप को बांध कर पानी में डाला जाता है। पूरी तरह से तैयार होने के बाद में बाहर निकालकर उनकी सर्जरी की जाती है सीप के भीतर सांचा डाला जाता है।
इसके बाद सांचे पर कोटिंग के बाद सीप लेयर बनती है और इसके बाद अंदर मोटी बनता है। हालांकि इस बिजनेस को करने के लिए आपके पास प्रॉपर आइडिया होना चाहिए का लाभ होना चाहिए और आपके सीप भी होना चाहिए। आपको भारत के कई राज्यों में सीप मिल जाते हैं। आपको दक्षिण भारत और बिहार के दरभंगा जैसे क्षेत्र में अच्छी क्वालिटी की सीप मिल जाती हैं, आज के समय में मोतियों के दी के लिए भी ट्रेनिंग दी जाती है।
इस बिजनेस की खासियत यह है कि इसमें आपको अच्छा मुनाफा हो जाता है, इतना ही नहीं इसके साथ आपको सरकार की तरफ से 50 परसेंट की सब्सिडी भी मिल जाती है, यदि आप अच्छी ट्रेनिंग लेकर मोतियों की खेती करते हैं तो आप काफी अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं। आज देश के कई क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में लोग मोतियों की खेती कर रहे हैं और काफी पैसा कमा रहे हैं। हालांकि शुरुआत में आपको पैसे लगाने पड़ते हैं इसमें कम से कम 8 लाख रुपए का खर्च आता है।