बहादुरी को सलाम, सरकार ने अरुण सिंह भदौरिया को दिया आउट ऑफ टर्म प्रमोशन

राऊ विधानसभा से बीजेपी विधायक मधु वर्मा की जान बचाने वाले पुलिस जवान अरुण सिंह भदौरिया को मध्यप्रदेश सरकार ने ‘आउट ऑफ टर्म प्रमोशन’ देने का निर्णय लिया है। यह फैसला नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विशेष हस्तक्षेप के बाद लिया गया। अरुण सिंह की सूझबूझ और साहस ने न सिर्फ एक जनप्रतिनिधि की जान बचाई, बल्कि पूरे पुलिस बल के लिए प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है।

वक्त पर सीपीआर देकर बचाई विधायक की जान

यह घटना 24 सितंबर 2024 की है, जब विधायक मधु वर्मा को अचानक घर पर हार्ट अटैक आया। उस समय उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) अरुण सिंह भदौरिया ने बिना देर किए उन्हें सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation) देना शुरू किया। उनकी त्वरित कार्रवाई और शांत दिमाग से लिया गया निर्णय विधायक की जान बचाने में निर्णायक साबित हुआ। डॉक्टरों का कहना है कि अगर सीपीआर कुछ मिनट भी देर से दी जाती, तो हालात गंभीर हो सकते थे।

डॉक्टरों ने की जवान की तारीफ

अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने भी जवान अरुण सिंह की त्वरित प्रतिक्रिया और सही समय पर उठाए कदम की सराहना की। चिकित्सकों ने बताया कि इस तरह के हालात में आमतौर पर लोग घबरा जाते हैं, लेकिन अरुण सिंह ने संयम बनाए रखा और तुरंत आवश्यक चिकित्सकीय प्रक्रिया अपनाई, जिससे विधायक की हालत स्थिर हो सकी।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने की सिफारिश

घटना की जानकारी मिलने के बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्वयं इस मामले में पहल की और अरुण सिंह को विशेष प्रमोशन देने की सिफारिश की। मंत्री ने कहा, “कुछ लोग इसे ड्यूटी कह सकते हैं, लेकिन यह वास्तव में बहादुरी और मानवता का उत्कृष्ट उदाहरण है। ऐसे कर्मी हमारे समाज का गौरव हैं।”

मोहन सरकार का सराहनीय निर्णय

मंत्री की सिफारिश के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट ने आउट ऑफ टर्म प्रमोशन को मंजूरी दी। यह न केवल अरुण सिंह के समर्पण का सम्मान है, बल्कि प्रदेश के तमाम सुरक्षा कर्मियों के लिए प्रेरणा भी है। सरकार का यह फैसला दर्शाता है कि बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा को सदैव सम्मान मिलना चाहिए।

विधायक मधु वर्मा अब पूरी तरह स्वस्थ

इलाज के बाद विधायक मधु वर्मा अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने सांसदीय कार्यों में फिर से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने जवान अरुण सिंह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, “मैं आज ज़िंदा हूं तो सिर्फ अरुण सिंह की हिम्मत और तत्परता की वजह से।”