मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समाधान ऑनलाइन के माध्यम से 12 जिलों के 14 मामलों की व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने सतना में एक किसान को भुगतान में देरी होने पर आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक को निलंबित कर दिया और साथ ही दो सेवाओं को समाप्त करने का आदेश दिया।
उमरिया जिले में एक दिव्यांग व्यक्ति की पेंशन रोकने और लापरवाही के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समग्र सामाजिक न्याय अधिकारी की एक वेतन वृद्धि रोकने का निर्देश दिया। इसके अलावा, संबंधित पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और ग्राम रोजगार सहायक पर ₹3000 का जुर्माना भी लगाया गया।
किसान को गेहूं उपार्जन का भुगतान न मिलने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई की। सतना जिले में शिकायत मिलने पर, नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक को शोकॉज नोटिस देकर निलंबित किया गया, जबकि दोषी कंप्यूटर ऑपरेटर को पद से हटा दिया गया। जानबूझकर भुगतान रोकने वाले दो अन्य कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
इसके अलावा, शहडोल जिले में कन्या शिक्षा प्रोत्साहन योजना की छात्रा को छात्रवृत्ति में देरी करने पर दो प्राथमिक शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोक दी गई, और जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। धार जिले में विवाह प्रमाण पत्र जारी करने में देरी के कारण ग्राम सचिव पर ₹5000 का जुर्माना लगाया गया।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के मामलों की सीधी सुनवाई की, जिसमें पांचुर्णा, मुरैना, नीमच, भिंड, बैतूल, निवाड़ी, राक्सेन, नर्मदापुरम और धार जिलों के एक-एक मामले शामिल थे, और शहडोल तथा सतना जिलों के दो-दो मामलों पर भी गौर किया।