श्रावण मास यानी सावन का महीना केवल धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ और व्रतों का समय नहीं होता, बल्कि यह आत्म-नियंत्रण, शुद्ध आहार-विहार और सरल जीवनशैली अपनाने का पावन अवसर भी होता है। शिवभक्त इस महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं, और इस बार यह पावन मास 11 जुलाई से आरंभ हो रहा है।
इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त विशेष पूजा-पाठ, व्रत और नियमों का पालन करते हैं। यही कारण है कि सावन में खानपान को लेकर विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।
सावन में किन चीज़ों से करें परहेज?
सावन में स्वास्थ्य और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन वर्जित माना गया है। आइए जानते हैं किन चीज़ों से बचना चाहिए:
- तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा आदि का सेवन वर्जित है क्योंकि ये शरीर में उग्रता और अशुद्धता बढ़ाते हैं।
- लहसुन और प्याज की तासीर गर्म मानी जाती है, इसलिए इनका भी त्याग करना चाहिए।
- हरी पत्तेदार सब्जियां और साग, बारिश के कारण जल्दी संक्रमित हो सकते हैं, इनसे भी दूरी रखें।
- बैंगन का सेवन न करें, क्योंकि यह सावन में कीटग्रस्त होने की संभावना लिए होता है।
- साधारण नमक, हल्दी और मसालों का भी परहेज करें और व्रत में सेंधा नमक का प्रयोग करें।
- सोमवार का व्रत रखने वालों को इस दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
- शराब, तंबाकू, सिगरेट जैसी नशे की चीज़ें न केवल संयम को तोड़ती हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी घातक हैं।
- भारी, तला-भुना और मसालेदार भोजन से पाचन पर असर पड़ता है, इससे भी बचना चाहिए।
- दही और दही से बनी चीज़ें, जैसे कढ़ी आदि भी सावन में नहीं खानी चाहिए।
सावन में क्या खाएं? अपनाएं सात्विकता
सावन में सात्विक और हल्का भोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से सही है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है:
- नींबू पानी, नारियल पानी और स्मूदी जैसे तरल पदार्थ शरीर को हाइड्रेट रखते हैं और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं।
- ड्राई फ्रूट्स का सीमित सेवन ऊर्जा और पोषण के लिए फायदेमंद होता है।
- लौकी, कद्दू, अरबी जैसी हल्की सब्जियां और ताजे फल को प्राथमिकता दें।
- सेंधा नमक का प्रयोग करें, यह व्रत के लिए उपयुक्त और पाचन में सहायक होता है।
- साबूदाना, खिचड़ी, फलाहारी हलवा जैसी चीजें हल्की भी होती हैं और पोषण देने वाली भी।
सावन में किन दालों से करें दूरी?
सावन के महीने में कुछ दालें जैसे मसूर, अरहर, उड़द और चना दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। इन्हें पाचन के लिए भारी माना जाता है और सावन में हल्का, जल्दी पचने वाला भोजन ही करना उचित होता है।
इन फलों का सेवन भी हो सकता है नुकसानदायक
बरसात के मौसम में कुछ खट्टे फलों जैसे नींबू, संतरा, मौसमी, चकोतरा आदि से भी परहेज करना चाहिए। इनका सेवन शरीर की प्रकृति और मौसम के संतुलन को बिगाड़ सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इनसे बचाने की सलाह दी जाती है।
Disclaimer : इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य तथ्यों पर आधारित है। swatantrasamay.com इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।