हम सबने मिलकर इंदौर को सिर्फ स्वच्छ शहर नहीं बनाया — हमने उसे एक उम्मीद, एक प्रेरणा और एक परिवर्तन की पहचान दी है। और इस बदलाव की नींव सिर्फ नीति और योजना से नहीं, उस भाव से बनी है जिसमें ‘असंभव’ को भी हम सबने ‘संभव’ कर दिखाया है।
32 वर्षों की उम्मीद — हुकुमचंद मिल के मजदूरों को न्याय
मित्रों, हुकुमचंद मिल केवल एक मिल नहीं थी, वह एक पीढ़ी की आजीविका, स्वाभिमान और सपना थी। वर्षों से बंद पड़ी इस मिल से जुड़े मजदूर अपने अधिकार के लिए तरसते रहे। लेकिन हमने ठान लिया — अब और इंतजार नहीं।
नगर निगम ने वर्षों पुराने इस मुद्दे को संवेदनशीलता और संकल्प के साथ सुलझाया और मजदूरों को उनका बकाया दिलवाकर एक ऐतिहासिक न्याय का काम किया।
अतिक्रमण हटाना — सिर्फ ज़मीन नहीं, भरोसे की वापसी
धोबी घाट जैसे सार्वजनिक स्थानों को अवैध कब्जों से मुक्त कराना आसान नहीं था। लेकिन हमने यह कर दिखाया — समानता और सुविधा का हक़ हर नागरिक को है, इस सोच के साथ। आज वहाँ नागरिकों के लिए खुला, स्वच्छ और सुरक्षित स्थान उपलब्ध है।
90 एकड़ भूमि की वापसी — भविष्य की बुनियाद
विवादों और वर्षों की उलझनों से घिरी 90 एकड़ भूमि को निगम ने अपने नियंत्रण में लेकर आवासीय, वाणिज्यिक और सामाजिक विकास के नए द्वार खोल दिए हैं। यह केवल ज़मीन नहीं, इंदौर के भविष्य की नींव है।
1000 करोड़ की कर वसूली — आत्मनिर्भर निगम की दिशा में कदम
निगम ने जो राजस्व संग्रह किया है, वह केवल एक आंकड़ा नहीं, आपके विश्वास और निगम की पारदर्शी कार्यशैली का प्रमाण है।
‘वन टाइम सेटलमेंट योजना’ और वर्षों से अटके ठेकेदारों के भुगतान ने इंदौर को एक भरोसेमंद और जिम्मेदार प्रशासन के रूप में स्थापित किया है।
SCADA सिस्टम — स्मार्ट सिटी की स्मार्ट सोच
आज हमारी स्ट्रीट लाइटिंग और जल आपूर्ति व्यवस्था अब ऑटोमेशन से नियंत्रित होती है। SCADA नेटवर्क ने हमें ऊर्जा की बचत और पारदर्शी संचालन की ओर अग्रसर किया है।
सड़कों पर संकल्प का असर — दो दशक पुराने सपनों का साकार होना
अन्नपूर्णा से फूटी कोठी की लिंक रोड अब लगभग तैयार है — जिससे हजारों लोगों का सफर अब सहज होगा।
तिलक नगर से रिंग रोड को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण शुरू हो चुका है — तीन दशक की प्रतीक्षा अब समाधान में बदल रही है।
अवैध कॉलोनियों में पहुंचीं मूलभूत सुविधाएं
100 से अधिक कॉलोनियों को सड़क, सफाई, स्ट्रीट लाइट और पेयजल से जोड़कर हमने यह सिद्ध किया है कि कोई भी बस्ती छूटे नहीं — यही है हमारा सामाजिक समावेशन का मॉडल।
महापौर केसरी — खेल, संस्कृति और सशक्तिकरण का संगम
हमने पारंपरिक खेलों को फिर से जीवित किया।
महिलाओं के लिए महापौर केसरी का आयोजन एक नई शुरुआत है — सशक्त इंदौर सिर्फ आर्थिक नहीं, सांस्कृतिक और शारीरिक रूप से भी सशक्त होना चाहिए।
आप, मैं और हम — मिलकर बना रहे हैं इंदौर का भविष्य
मित्रों!
नगर निगम आज सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि हर इंदौरवासी की आकांक्षाओं की प्रतिनिधि बन चुकी है।विज़न 2047 को ध्यान में रखते हुए हमने जो नींव रखी है, उस पर हम एक नवाचारी, आत्मनिर्भर और आदर्श इंदौर का निर्माण कर रहे हैं।
असंभव कार्यों की सिद्धि — नेतृत्व, जनभागीदारी और प्रशासन की एकजुटता
यह यात्रा सिर्फ उपलब्धियों की नहीं — यह एक मानव-केंद्रित, पारदर्शी और सहभागितापूर्ण विकास की मिसाल है।
आपके समर्थन से, आपकी सहभागिता से, और हमारी साझी प्रतिबद्धता से ही यह सब कुछ संभव हो पाया।
आपसे यही कहना चाहता हूं…
जब भी कोई कहे कि यह तो “असंभव” है —
तो इंदौर की ओर इशारा कर दीजिए।
क्योंकि हमने बार-बार यह सिद्ध किया है —
“अगर नीयत साफ हो, नेतृत्व संकल्पित हो और जनता जागरूक हो — तो असंभव सिर्फ एक शब्द होता है।”