मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत और रिश्तों को शर्मसार कर दिया है। यहां एक बेटे ने सिर्फ जमीन के लिए अपने पिता का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। वजह यह थी कि पिता ने अपनी ज़मीन अपनी बेटी के नाम कर दी थी।
शनिवार को बुजुर्ग पिता की मौत हो गई। परिवार में बेटा और बेटी दोनों हैं। लेकिन बेटे को इस बात का गुस्सा था कि उसके पिता ने जमीन बेटी को दे दी थी। इसी नाराज़गी में बेटे ने पिता की अर्थी को कंधा देने और अंतिम संस्कार करने से साफ मना कर दिया।
अर्थी घंटों पड़ी रही घर के बाहर
बेटी, आस-पड़ोस और गांव के लोगों ने बेटे को बहुत समझाया कि यह समय झगड़ा करने का नहीं है, बल्कि पिता को अंतिम विदाई देने का है। लेकिन बेटे का दिल नहीं पसीजा। नतीजा यह हुआ कि पिता की अर्थी करीब 24 घंटे तक घर पर ही पड़ी रही। बेटी अकेले रोती रही, और पूरे गांव का माहौल ग़मगीन हो गया।
पुलिस को बुलाना पड़ा
जब बेटे ने किसी की भी बात नहीं सुनी, तो गांववालों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बेटे को समझाया। काफी देर की बातचीत और दबाव के बाद आखिरकार बेटा अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुआ। तब जाकर बुजुर्ग को अंतिम विदाई दी गई।
रिश्तों पर सवाल
यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. क्या जमीन का टुकड़ा रिश्तों से बढ़कर हो गया है? एक समय था जब बेटा अपने पिता की सेवा को धर्म समझता था, लेकिन अब संपत्ति के लिए वही बेटा अपने पिता को अंतिम विदाई देने से इंकार कर रहा है। जब कहीं जाकर वह पिता के अंतिम संस्कार को तैयार हुआ। फिर काफी के बाद पिता का अंतिम संस्कार हो सका। हालांकि सामाजिक तौर पर भी बेटे ने यह तय कर लिया कि 2 एकड़ जमीन में से उसे बहन की एक एकड़ जमीन दी जाएगी।