राजा रघुवंशी की हत्या के बाद सबसे पहला संपर्क सोनम रघुवंशी ने अपने ही परिवार से किया था। उसने अपने कजिन भाई गोविंद को फोन कर भावुक अंदाज़ में कहा, “भैया मुझे बचा लो।” यह बात सोनम के परिवार ने मीडिया को बताई। यह कॉल सोमवार सुबह गाजीपुर के एक ढाबे से किया गया था, जहां से पुलिस ने बाद में उसे गिरफ्तार किया।
परिवार की सूचना से हुई गिरफ्तारी
सोनम के पिता देवी सिंह ने बताया कि गोविंद को जैसे ही सोनम से कॉल आया, उसने तुरंत इसकी जानकारी घरवालों को दी। इसके बाद गोविंद ने पुलिस को सूचित किया, जिससे सोनम को सुरक्षित हिरासत में लिया जा सका। परिवार का दावा है कि उन्होंने पुलिस को पूरा सहयोग दिया।
हनीमून बना त्रासदी, पति की हत्या का आरोप
सोनम और राजा 23 मई को मेघालय के शिलांग में हनीमून पर गए थे, लेकिन फिर दोनों अचानक लापता हो गए। 2 जून को राजा का शव एक खाई में मिला और सोनम गायब रही। कई दिनों तक तलाश के बाद सोनम की लोकेशन यूपी के गाजीपुर में मिली और उसे 9 जून को गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर आरोप है कि उसने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची।
सुबह पांच बजे परिवार को मिली राहत
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, सोनम के पिता ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 5 बजे उठाया गया। गोविंद ने उन्हें बताया कि सोनम मिल गई है और वह बहुत बुरी तरह रो रही है। उसे ढाबे के एक स्टोर रूम में रुकने को कहा गया था। इसके तुरंत बाद पुलिस को बुलाया गया और उसे हिरासत में लिया गया।
पिता बोले- नहीं मानता बेटी पर लगे आरोप
देवी सिंह ने कहा कि उनकी बेटी और राजा ने खुद की मर्जी से शादी की थी। दोनों ने एक-दूसरे से शादी से पहले बातचीत की और फिर विवाह का फैसला लिया। उन्होंने कहा, “मैं ये नहीं मान सकता कि मेरी बेटी ऐसा कर सकती है।” उन्होंने पुलिस के आरोपों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर भरोसा है।
ढाबा मालिक ने किया खुलासा
गाजीपुर के उस ढाबे के मालिक साहिल यादव ने बताया कि सोनम देर रात रोती हुई उनकी दुकान पर आई थी। उसने कहा कि वह अपने घर फोन करना चाहती है। साहिल ने उसे अपना मोबाइल दिया, जिससे सोनम ने परिवार से संपर्क किया। साहिल ने ही पुलिस को फोन कर सूचना दी और सोनम को ले जाने की व्यवस्था करवाई।
ढाबे पर सोनम की हालत नाज़ुक
समाचार एजेंसी IANS को ढाबा मालिक ने बताया कि सोनम ने दावा किया कि राजा की हत्या उस समय हुई जब कुछ लोगों ने उन्हें लूटने की कोशिश की। राजा उसे बचा रहे थे। वह इस कदर सदमे में थी कि ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी। ढाबा मालिक ने उसे पानी पिलाया और तुरंत पुलिस से संपर्क किया। सोनम ने यह भी कहा कि उसे यह याद नहीं कि वह गाजीपुर कैसे पहुंची।